चंद्र शेखर शर्मा किशनगढ़ राजस्थान: किशनगढ़। समग्र शिक्षा अभियान के तत्वाधान में संचालित मेंटॉर टीचर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का दो दिवसीय गैरआवासीय प्रशिक्षण मंगलवार को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आजाद नगर में संपन्न हुआ। तृतीय चरण के प्रशिक्षण के समापन अवसर पर संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए अति.मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी( द्वितीय) वन्दना वर्मा ने कहा कि प्रत्येक शिशु के जीवन के प्रथम कुछ वर्ष उसके बौद्धिक विकास एवं सीखने के लिहाज़ से अति महत्वपूर्ण होते हैं, वो इसलिए की इन वर्षों में प्रत्येक शिशु सर्वाधिक सीखता है।उन्होंने उपस्थित संभागीयों को यह भी बताया कि पूर्व प्राथमिक शिक्षा एवं देखरेख अत्यंत महत्वपूर्ण इसलिए है,क्योंकि यह विद्यालय के प्रति सीखने हेतु प्रेरणादाई वातावरण उपलब्ध कराता है। विशेषकर उन बच्चों के लिए जिनके पास आवश्यक संसाधनों की कमी होती है। कार्यक्रम को शिविर प्रभारी प्रतिनिधि राजकीय शार्दुल उच्च माध्य. विद्यालय शुभलक्ष्मी माहेश्वरी (व्याख्याता) ने भी संबोधित किया और कहा की मेंटॉर टीचर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से यह अपेक्षा है, कि वे स्वविवेक से विद्यालय एवं आंगनबाड़ी के बीच ऐसा समन्वय स्थापित करें, कि समुदाय एवं अभिभावकों को यह एक ही समन्वित संस्थान के रूप में नजर आए। कार्यक्रम प्रभारी एवं संदर्भ व्यक्ति पवन कुमार शर्मा ने भी अपने विचार रखते हुए संभागीयों को बताया की मेंटॉर टीचर का कार्य निरीक्षण एवं आदेशित करना नहीं है,अपितु आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ईसीसीई गतिविधियों के सफल संचालन हेतु सहायता, सहयोग एवं सबंलन प्रदान करना है। दो दिवसीय प्रशिक्षण में दक्ष प्रशिक्षक राधा किशन मीणा (शिक्षा विभाग), रीना चौधरी (आईसीडीएस) द्वारा संभागीयों को गतिविधि आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया गया। संदर्भ व्यक्ति चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण के द्वितीय व अंतिम दिवस दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा प्रारंभिक बाल्यावस्था, शिक्षा का परिचय एवं महत्व, समेकित बाल विकास की सेवाएं एवं उद्देश्य, राजस्थान में प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा की प्रगति, प्रारंभिक बाल्यावस्था पाठ्यक्रम व पाठ्यचर्या का परिचय, प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा सहायक शिक्षण सामग्री ( ई.सी.ई. किट), आकलन प्रपत्र , समन्वयन के अंतर्गत मार्गदर्शन, सहायक शिक्षण सामग्री का उपयोग एवं समन्वयन से विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र तथा बच्चों व समुदाय के स्तर पर होने वाले लाभ आदि विषयों को लेकर गतिविधि आधारित जानकारीयां प्रदान की गई। शर्मा के अनुसार तृतीय व अंतिम चरण के प्रशिक्षण में कुल 32 मेंटॉर टीचर एवं 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित कुल 64 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर संदर्भ व्यक्ति प्रेम चंद शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा, राजेंद्र कुमार, अशोक यादव, तथा शिविर सहयोगी के रूप में सतीश कुमार शर्मा, आलोक शर्मा, सुरेंद्र चौधरी, सुभाष शर्मा व लक्ष्मी नारायण भास्कर आदि भी उपस्थित रहे।
किशनगढ़ राजस्थान: दो दिवसीय गैर आवासीय मेंटॉर टीचर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का तृतीय चरण का प्रशिक्षण संपन्न
चंद्र शेखर शर्मा किशनगढ़ राजस्थान: किशनगढ़। समग्र शिक्षा अभियान के तत्वाधान में संचालित मेंटॉर टीचर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का दो दिवसीय गैरआवासीय प्रशिक्षण मंगलवार को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आजाद नगर में संपन्न हुआ। तृतीय चरण के प्रशिक्षण के समापन अवसर पर संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए अति.मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी( द्वितीय) वन्दना वर्मा ने कहा कि प्रत्येक शिशु के जीवन के प्रथम कुछ वर्ष उसके बौद्धिक विकास एवं सीखने के लिहाज़ से अति महत्वपूर्ण होते हैं, वो इसलिए की इन वर्षों में प्रत्येक शिशु सर्वाधिक सीखता है।उन्होंने उपस्थित संभागीयों को यह भी बताया कि पूर्व प्राथमिक शिक्षा एवं देखरेख अत्यंत महत्वपूर्ण इसलिए है,क्योंकि यह विद्यालय के प्रति सीखने हेतु प्रेरणादाई वातावरण उपलब्ध कराता है। विशेषकर उन बच्चों के लिए जिनके पास आवश्यक संसाधनों की कमी होती है। कार्यक्रम को शिविर प्रभारी प्रतिनिधि राजकीय शार्दुल उच्च माध्य. विद्यालय शुभलक्ष्मी माहेश्वरी (व्याख्याता) ने भी संबोधित किया और कहा की मेंटॉर टीचर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से यह अपेक्षा है, कि वे स्वविवेक से विद्यालय एवं आंगनबाड़ी के बीच ऐसा समन्वय स्थापित करें, कि समुदाय एवं अभिभावकों को यह एक ही समन्वित संस्थान के रूप में नजर आए। कार्यक्रम प्रभारी एवं संदर्भ व्यक्ति पवन कुमार शर्मा ने भी अपने विचार रखते हुए संभागीयों को बताया की मेंटॉर टीचर का कार्य निरीक्षण एवं आदेशित करना नहीं है,अपितु आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ईसीसीई गतिविधियों के सफल संचालन हेतु सहायता, सहयोग एवं सबंलन प्रदान करना है। दो दिवसीय प्रशिक्षण में दक्ष प्रशिक्षक राधा किशन मीणा (शिक्षा विभाग), रीना चौधरी (आईसीडीएस) द्वारा संभागीयों को गतिविधि आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया गया। संदर्भ व्यक्ति चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण के द्वितीय व अंतिम दिवस दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा प्रारंभिक बाल्यावस्था, शिक्षा का परिचय एवं महत्व, समेकित बाल विकास की सेवाएं एवं उद्देश्य, राजस्थान में प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा की प्रगति, प्रारंभिक बाल्यावस्था पाठ्यक्रम व पाठ्यचर्या का परिचय, प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा सहायक शिक्षण सामग्री ( ई.सी.ई. किट), आकलन प्रपत्र , समन्वयन के अंतर्गत मार्गदर्शन, सहायक शिक्षण सामग्री का उपयोग एवं समन्वयन से विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र तथा बच्चों व समुदाय के स्तर पर होने वाले लाभ आदि विषयों को लेकर गतिविधि आधारित जानकारीयां प्रदान की गई। शर्मा के अनुसार तृतीय व अंतिम चरण के प्रशिक्षण में कुल 32 मेंटॉर टीचर एवं 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित कुल 64 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर संदर्भ व्यक्ति प्रेम चंद शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा, राजेंद्र कुमार, अशोक यादव, तथा शिविर सहयोगी के रूप में सतीश कुमार शर्मा, आलोक शर्मा, सुरेंद्र चौधरी, सुभाष शर्मा व लक्ष्मी नारायण भास्कर आदि भी उपस्थित रहे।