किशनगढ़।( रिपोर्टर चंद्रशेखर शर्मा ) विद्यालय एवं आंगनबाड़ी के प्रभावी समन्वयन में मेंटॉर टीचर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है। यह बात मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार शर्मा ने कही,शर्मा मंगलवार को समग्र शिक्षा अभियान के तत्वाधान में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आजाद नगर में संचालित ब्लॉक स्तरीय मेंटॉर टीचर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे। दो दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए शर्मा ने उपस्थित संभागीयों को यह भी बताया कि, भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा जारी नई शिक्षा नीति (ड्राफ्ट )2019 में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है, कि भारत में शिक्षा की गुणवत्ता एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है। बच्चों के सीखने का स्तर उनकी उम्र के अनुसार बहुत कम पाया गया है ।और उसका एक बड़ा कारण यह है, कि पूर्व में बच्चों के प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के सुदृढ़ीकरण हेतु कोई व्यवस्थित पाठ्यक्रम या पाठ्यचर्या का नहीं होना है। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ( प्रथम) एवं ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल ढाका ने की। जबकि अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी( द्वितीय ) वंदना वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी समसा अजमेर विश्वम्भर दयाल बुनकर व आईसीडीएस सुपरवाइजर हेमलता चौरसिया आदि विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसीबीईओ ढाका ने भी कहा की 3 से 6 वर्ष के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शाला पूर्व शिक्षा देने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2016 में आदर्श योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों को विद्यालय के साथ समन्वयन किया गया।इस समन्वय का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक ऐसे आदर्श/ उत्कृष्ट विद्यालय की स्थापना करना है, जहां पूर्व प्राथमिक स्तर से लेकर आठवीं अथवा 12वीं तक की शिक्षा उपलब्ध हो। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों को विद्यालय के प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक के रूप में एक प्रभावी अकादमीक मार्गदर्शक उपलब्ध हो। जिससे ना केवल आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जा रही पूर्व प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो, बल्कि बच्चों के सीखने के स्तर में भी निरंतर सुधार आए। एसीबीईओ( द्वितीय) वंदना वर्मा एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी, समसा वी.डी. बुनकर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम प्रभारी एवं संदर्भ व्यक्ति पवन कुमार शर्मा ने बताया कि प्रथम चरण के प्रशिक्षण में आमंत्रित 120 संभागीयों में से 116 संभागी भाग ले रहे हैं। संदर्भ व्यक्ति चन्द्र शेखर शर्मा ने बताया कि गंगा प्रसाद भदाला, राधाकिशन मीणा ( शिक्षा विभाग), मनजीत कंवर व रीना चौधरी (आई सी डी एस) की ओर से प्रशिक्षण में संभागीयों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शर्मा ने बताया कि प्रथम दिवस के प्रशिक्षण में पंजीयन, स्वागत, प्रार्थना एवं चेतना गीत के पश्चात परिचय सत्र, प्रशिक्षण से अपेक्षाएं, आंगनबाड़ी- विद्यालय समन्वयन, आंगनबाड़ी- विद्यालय समन्वय के संदर्भ में मेंटॉर टीचर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की ज़िम्मेदारियां व भूमिका कथा मेंटाॅरिंग- एक सहयोग आदि विषयों चर्चा- परिचर्चा कर गतिविधि आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया गया।शर्मा ने बताया कि प्रथम चरण के दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन बुधवार को होगा। जबकि द्वितीय चरण का प्रशिक्षण 9 जनवरी से 10 जनवरी के मध्य एवं तृतीय चरण का प्रशिक्षण 13 जनवरी से 14 जनवरी के बीच आयोजित किया जाएगा।इस अवसर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संदर्भ व्यक्ति प्रेम चंद शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा अशोक यादव, राजेंद्र कुमार, व्याख्याता शुभलक्ष्मी माहेश्वरी, एवं शिविर सहयोगी के रूप में राजेंद्र चौधरी, आलोक शर्मा व सतीश कुमार शर्मा, सुभाष शर्मा, लक्ष्मीनारायण भाकर आदि भी उपस्थित थे। ज्ञातव्य है, कि राजस्थान सरकार राज्य में पूर्व प्राथमिक कक्षा से कक्षा 12 तक गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु निरंतर प्रयासरत है, जिसके चलते विद्यार्थियों के अधिगम स्तर पर एवं उपलब्धि स्तर में सुधार हेतु विशेष बल दिया जा रहा है। प्राथमिक शिक्षा में गुणात्मक संवर्धन हेतु राज्य में पूर्व से ही समस्त राजकीय विद्यालयों में संचालित कक्षा 1 से 5 में एस आई क्यू ई कार्यक्रम संचालित है। इसी क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा संचालित ई सी सी ई के अंतर्गत पूर्व प्राथमिक शिक्षा की गुणात्मकता सुनिश्चित करने एवं 3 वर्ष की आयु से ही बच्चों की शिक्षा की निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य के समस्त राजकीय विद्यालयों के 500 मीटर की परिधि में संचालित समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों को समन्वित किया गया है।इसको लेकर उच्च माध्यमिक/ माध्यमिक उच्च प्राथमिक व प्राथमिक विद्यालयों हेतु शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी के समन्वय के संबंध में संयुक्त दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। समन्वित आंगनवाड़ी केंद्रों में ईसीसीई गतिविधियों के सफल संचालन एवं नामांकन/ ठहराव सुनिश्चित करने हेतु विद्यालय स्तर पर संस्था प्रधान द्वारा पूर्व प्राथमिक शिक्षा प्रभारी/ मेंटॉर टीचर( विशेष रूप से कक्षा 1 को पढ़ाने वाली महिला शिक्षक) नियुक्त किए गए हैं संस्था प्रधान पूर्व प्राथमिक शिक्षा प्रभारी/ मेंटार टीचर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को उचित सहयोग एवं मॉनिटरिंग प्रदान करने हेतु कुछ कर्तव्य एवं कार्य भी निर्धारित किए गए हैं।
राजस्थान के किशनगढ़ में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित
किशनगढ़।( रिपोर्टर चंद्रशेखर शर्मा ) विद्यालय एवं आंगनबाड़ी के प्रभावी समन्वयन में मेंटॉर टीचर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है। यह बात मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार शर्मा ने कही,शर्मा मंगलवार को समग्र शिक्षा अभियान के तत्वाधान में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आजाद नगर में संचालित ब्लॉक स्तरीय मेंटॉर टीचर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे। दो दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए शर्मा ने उपस्थित संभागीयों को यह भी बताया कि, भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा जारी नई शिक्षा नीति (ड्राफ्ट )2019 में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है, कि भारत में शिक्षा की गुणवत्ता एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है। बच्चों के सीखने का स्तर उनकी उम्र के अनुसार बहुत कम पाया गया है ।और उसका एक बड़ा कारण यह है, कि पूर्व में बच्चों के प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के सुदृढ़ीकरण हेतु कोई व्यवस्थित पाठ्यक्रम या पाठ्यचर्या का नहीं होना है। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ( प्रथम) एवं ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल ढाका ने की। जबकि अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी( द्वितीय ) वंदना वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी समसा अजमेर विश्वम्भर दयाल बुनकर व आईसीडीएस सुपरवाइजर हेमलता चौरसिया आदि विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसीबीईओ ढाका ने भी कहा की 3 से 6 वर्ष के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शाला पूर्व शिक्षा देने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2016 में आदर्श योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों को विद्यालय के साथ समन्वयन किया गया।इस समन्वय का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक ऐसे आदर्श/ उत्कृष्ट विद्यालय की स्थापना करना है, जहां पूर्व प्राथमिक स्तर से लेकर आठवीं अथवा 12वीं तक की शिक्षा उपलब्ध हो। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों को विद्यालय के प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक के रूप में एक प्रभावी अकादमीक मार्गदर्शक उपलब्ध हो। जिससे ना केवल आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जा रही पूर्व प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो, बल्कि बच्चों के सीखने के स्तर में भी निरंतर सुधार आए। एसीबीईओ( द्वितीय) वंदना वर्मा एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी, समसा वी.डी. बुनकर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम प्रभारी एवं संदर्भ व्यक्ति पवन कुमार शर्मा ने बताया कि प्रथम चरण के प्रशिक्षण में आमंत्रित 120 संभागीयों में से 116 संभागी भाग ले रहे हैं। संदर्भ व्यक्ति चन्द्र शेखर शर्मा ने बताया कि गंगा प्रसाद भदाला, राधाकिशन मीणा ( शिक्षा विभाग), मनजीत कंवर व रीना चौधरी (आई सी डी एस) की ओर से प्रशिक्षण में संभागीयों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शर्मा ने बताया कि प्रथम दिवस के प्रशिक्षण में पंजीयन, स्वागत, प्रार्थना एवं चेतना गीत के पश्चात परिचय सत्र, प्रशिक्षण से अपेक्षाएं, आंगनबाड़ी- विद्यालय समन्वयन, आंगनबाड़ी- विद्यालय समन्वय के संदर्भ में मेंटॉर टीचर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की ज़िम्मेदारियां व भूमिका कथा मेंटाॅरिंग- एक सहयोग आदि विषयों चर्चा- परिचर्चा कर गतिविधि आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया गया।शर्मा ने बताया कि प्रथम चरण के दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन बुधवार को होगा। जबकि द्वितीय चरण का प्रशिक्षण 9 जनवरी से 10 जनवरी के मध्य एवं तृतीय चरण का प्रशिक्षण 13 जनवरी से 14 जनवरी के बीच आयोजित किया जाएगा।इस अवसर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संदर्भ व्यक्ति प्रेम चंद शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा अशोक यादव, राजेंद्र कुमार, व्याख्याता शुभलक्ष्मी माहेश्वरी, एवं शिविर सहयोगी के रूप में राजेंद्र चौधरी, आलोक शर्मा व सतीश कुमार शर्मा, सुभाष शर्मा, लक्ष्मीनारायण भाकर आदि भी उपस्थित थे। ज्ञातव्य है, कि राजस्थान सरकार राज्य में पूर्व प्राथमिक कक्षा से कक्षा 12 तक गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु निरंतर प्रयासरत है, जिसके चलते विद्यार्थियों के अधिगम स्तर पर एवं उपलब्धि स्तर में सुधार हेतु विशेष बल दिया जा रहा है। प्राथमिक शिक्षा में गुणात्मक संवर्धन हेतु राज्य में पूर्व से ही समस्त राजकीय विद्यालयों में संचालित कक्षा 1 से 5 में एस आई क्यू ई कार्यक्रम संचालित है। इसी क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा संचालित ई सी सी ई के अंतर्गत पूर्व प्राथमिक शिक्षा की गुणात्मकता सुनिश्चित करने एवं 3 वर्ष की आयु से ही बच्चों की शिक्षा की निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य के समस्त राजकीय विद्यालयों के 500 मीटर की परिधि में संचालित समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों को समन्वित किया गया है।इसको लेकर उच्च माध्यमिक/ माध्यमिक उच्च प्राथमिक व प्राथमिक विद्यालयों हेतु शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी के समन्वय के संबंध में संयुक्त दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। समन्वित आंगनवाड़ी केंद्रों में ईसीसीई गतिविधियों के सफल संचालन एवं नामांकन/ ठहराव सुनिश्चित करने हेतु विद्यालय स्तर पर संस्था प्रधान द्वारा पूर्व प्राथमिक शिक्षा प्रभारी/ मेंटॉर टीचर( विशेष रूप से कक्षा 1 को पढ़ाने वाली महिला शिक्षक) नियुक्त किए गए हैं संस्था प्रधान पूर्व प्राथमिक शिक्षा प्रभारी/ मेंटार टीचर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को उचित सहयोग एवं मॉनिटरिंग प्रदान करने हेतु कुछ कर्तव्य एवं कार्य भी निर्धारित किए गए हैं।