सवाई माधोपुर@रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। जिले के चौथ का बरवाड़ा कस्बा स्थित चौथ माता मंदिर में संकट चतुर्थी पर हजारों भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धा के जनसैलाब के चलते श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली, संपूर्ण चौथ का बरवाड़ा कस्बा पूर्ण रूप से भक्तिमय नजर आया। क्योंकि कस्बे के चहुं ओर चौथ माता के जयकारों से धरती ही नहीं बल्कि आकाश भी गुंजायमान रहा। 12 जनवरी से प्रारंभ हुए चौथ माता के लक्खी मेले में संकट चतुर्थी के दिन तकरीबन दो से ढाई लाख भक्तों ने मां भवानी के दरबार में मत्था टेक कर अपनी और अपने परिवार की खुशहाली की कामना की, और माता से कई मनौतीयां मांगते हुए चौथ माता के आशीर्वाद से पूर्व में सफल हुए कार्यों की परिणीति पर प्रसाद वितरण कर एवं भंडारे का आयोजन कर श्रद्धालुओं को प्रसादी वितरण का कार्य भी किया गया। बर्फीली हवाओं एवं जबरदस्त ठंड के बावजूद भी भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था।भारी भरकम भीड़ के चलते मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों को भारी मशक्कत करनी पड़ी।संपूर्ण चौथ का बरवाड़ा के मुख्य मार्ग ही नहीं गली मोहल्ले भी श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते अटे पड़े रहे। सामाजिक संगठनों एवं दराडे वर्ग के लोगों के द्वारा माता मार्ग में भंडारों के जरिए भी भक्तजनों को भोजन प्रसादी की सुविधा प्रदान की गई। कस्बे में चल रहे चौथ माता की लक्खी मेले में सोमवार को तिल चौथ व संकट चतुर्थी होने के कारण दूरदराज एवं समीपवर्ती इलाकों से ग्रामीण पुरुष बाल वृद्ध महिलाएं सभी भक्तजन कल सुबह ही मंदिर में माता के दर्शनार्थ पहुंचने लगे। और यह सिलसिला अनवरत जारी रहा। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि सोमवार को भीषण ठंड और बर्फीली हवाओं के बावजूद भी सर्दी पर श्रद्धा का भाव भारी नजर आया। क्योंकि ठंडी हवाओं की चुभन और गलन भी भक्तों के उत्साह में किसी भी तरह का व्यवधान नहीं डाल पाई। *भक्तों की भारी भीड़ के कारण धर्मशाला एवं रैन बसेरों में नहीं बची जगह*: चौथ का बरवाला में आयोजित लक्खी मेले की चलते सोमवार को पैदल यात्रियों की संख्या अधिक रही जिसके कारण दोपहर में ही धर्मशालाएं भक्तों से खचाखच भर गई। स्थानीय प्रशासन द्वारा खोले गए रैन बसेरों में भी अत्यधिक भीड़ होने के कारण तिलभर जगह नहीं बची। इसके कारण हजारों भक्तों को खुले आसमान के नीचे तेज ठंड हवाओं एवं भयंकर सर्दी के बावजूद भी रात गुजारने पड़े क्योंकि इसके अलावा उनके सामने कोई चारा भी नहीं था। धर्मशाला एंब्लेम बसेरों में जगह नहीं मिलने के कारण भक्तों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। *विशेष सजावट के चलते मंदिर एवं धर्मशालाएं रोशनी से जगमगाए* : लक्खी मेले को लेकर जहां चौथ माता की प्रतिमा एवं मंदिर परिसर को सुगंधित फूलों से सजाया गया वहीं मंदिर परिसर में भी लाइट डेकोरेशन के माध्यम से अति सुंदर सजावट की गई जिसका जलवा रात को देखने को मिला पहाड़ी पर स्थित संपूर्ण मंदिर परिसर चंद्रमा की भांति जग मागा उठा तो कस्बे में स्थित अन्य मंदिरों एवं धर्मशालाएं भी सजावट के चलते रंग बिरंगी रोशनी नहाई हुई दिखाई दी।विशेष तौर पर चौथ माता ट्रस्ट धर्मशाला के साथ ही मीणा एवं गुर्जर समाज की धर्मशालाओं की रंग- बिरंगी शोभा देखते ही बन रही थी।
संकट चतुर्थी पर चौथ माता मंदिर में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब
सवाई माधोपुर@रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। जिले के चौथ का बरवाड़ा कस्बा स्थित चौथ माता मंदिर में संकट चतुर्थी पर हजारों भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धा के जनसैलाब के चलते श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली, संपूर्ण चौथ का बरवाड़ा कस्बा पूर्ण रूप से भक्तिमय नजर आया। क्योंकि कस्बे के चहुं ओर चौथ माता के जयकारों से धरती ही नहीं बल्कि आकाश भी गुंजायमान रहा। 12 जनवरी से प्रारंभ हुए चौथ माता के लक्खी मेले में संकट चतुर्थी के दिन तकरीबन दो से ढाई लाख भक्तों ने मां भवानी के दरबार में मत्था टेक कर अपनी और अपने परिवार की खुशहाली की कामना की, और माता से कई मनौतीयां मांगते हुए चौथ माता के आशीर्वाद से पूर्व में सफल हुए कार्यों की परिणीति पर प्रसाद वितरण कर एवं भंडारे का आयोजन कर श्रद्धालुओं को प्रसादी वितरण का कार्य भी किया गया। बर्फीली हवाओं एवं जबरदस्त ठंड के बावजूद भी भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था।भारी भरकम भीड़ के चलते मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों को भारी मशक्कत करनी पड़ी।संपूर्ण चौथ का बरवाड़ा के मुख्य मार्ग ही नहीं गली मोहल्ले भी श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते अटे पड़े रहे। सामाजिक संगठनों एवं दराडे वर्ग के लोगों के द्वारा माता मार्ग में भंडारों के जरिए भी भक्तजनों को भोजन प्रसादी की सुविधा प्रदान की गई। कस्बे में चल रहे चौथ माता की लक्खी मेले में सोमवार को तिल चौथ व संकट चतुर्थी होने के कारण दूरदराज एवं समीपवर्ती इलाकों से ग्रामीण पुरुष बाल वृद्ध महिलाएं सभी भक्तजन कल सुबह ही मंदिर में माता के दर्शनार्थ पहुंचने लगे। और यह सिलसिला अनवरत जारी रहा। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि सोमवार को भीषण ठंड और बर्फीली हवाओं के बावजूद भी सर्दी पर श्रद्धा का भाव भारी नजर आया। क्योंकि ठंडी हवाओं की चुभन और गलन भी भक्तों के उत्साह में किसी भी तरह का व्यवधान नहीं डाल पाई। *भक्तों की भारी भीड़ के कारण धर्मशाला एवं रैन बसेरों में नहीं बची जगह*: चौथ का बरवाला में आयोजित लक्खी मेले की चलते सोमवार को पैदल यात्रियों की संख्या अधिक रही जिसके कारण दोपहर में ही धर्मशालाएं भक्तों से खचाखच भर गई। स्थानीय प्रशासन द्वारा खोले गए रैन बसेरों में भी अत्यधिक भीड़ होने के कारण तिलभर जगह नहीं बची। इसके कारण हजारों भक्तों को खुले आसमान के नीचे तेज ठंड हवाओं एवं भयंकर सर्दी के बावजूद भी रात गुजारने पड़े क्योंकि इसके अलावा उनके सामने कोई चारा भी नहीं था। धर्मशाला एंब्लेम बसेरों में जगह नहीं मिलने के कारण भक्तों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। *विशेष सजावट के चलते मंदिर एवं धर्मशालाएं रोशनी से जगमगाए* : लक्खी मेले को लेकर जहां चौथ माता की प्रतिमा एवं मंदिर परिसर को सुगंधित फूलों से सजाया गया वहीं मंदिर परिसर में भी लाइट डेकोरेशन के माध्यम से अति सुंदर सजावट की गई जिसका जलवा रात को देखने को मिला पहाड़ी पर स्थित संपूर्ण मंदिर परिसर चंद्रमा की भांति जग मागा उठा तो कस्बे में स्थित अन्य मंदिरों एवं धर्मशालाएं भी सजावट के चलते रंग बिरंगी रोशनी नहाई हुई दिखाई दी।विशेष तौर पर चौथ माता ट्रस्ट धर्मशाला के साथ ही मीणा एवं गुर्जर समाज की धर्मशालाओं की रंग- बिरंगी शोभा देखते ही बन रही थी।