चंद्र शेखर शर्मा किशनगढ़ राजस्थान: सवाई माधोपुर @चंद्र शेखर शर्मा। जिले की बौंली पंचायत समिति क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत बौंली में ही एक महिला ने सरपंच बनने के पिछले 67 वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़ दूसरी बार सरपंच बनने का गौरव हासिल किया है। बुधवार को संपन्न हुए पंचायत राज द्वितीय चरण के चुनाव में बौंली कस्बे में कमलेश देवी शर्मा ऐसी सौभाग्यशाली महिला है, जो दूसरी बार सरपंच पद पर निर्वाचित हुई है ।वह 2007 से 2011 के कार्यकाल में भी सरपंच रह चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्बे में 1953 में पंचायत गठन के बाद कस्बे में अब तक कुल 14 सरपंच बने इसमें 12 मर्तबा केवल एक एक बार पुरुष सरपंच पद पर आसीन रहे ।2007 में आरक्षण प्रक्रिया के तहत सामान्य महिला की सीट पर चुनाव लड़ पिछले सारे रिकार्ड तोड़ कमलेश देवी पहली महिला सरपंच बनी। इस बार के चुनावों में फिर से सामान्य महिला की सीट पर चुनाव लड़कर उन्होंने दूसरी बार सरपंच पद पर निर्वाचित होने का सौभाग्य प्राप्त किया। इस बार उनके सामने 14 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थी जिसमें उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 266 मतों से परास्त कर सरपंच की सीट हासिल की। कमलेश देवी शर्मा के दूसरी बार सरपंच बनने पर कस्बे के लोगों सहित उनके समर्थकों ने विशेष खुशी जाहिर की है ।गौरतलब है कि 1953 से अब तक कस्बे में रामेश्वर गोयल, नवल किशोर, नंद किशोर गोयल , गंगाधर माली ,रामदयाल गर्ग , गंगासहाय गोयल ,सौभाग्यमल जैन, शिवचरण बुंदेला, चुन्नी लाल माली, उत्तम राजौरा, कमलेश देवी शर्मा, रामकिशन गुर्जर, राजेश गोयल सरपंच बने जिसमें दो मर्तबा सरपंच बनने का सौभाग्य केवल कमलेश देवी शर्मा को ही प्राप्त हुआ । कमलेश देवी के सरपंच पद पर निर्वाचित होने व उपसरपंच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनके समर्थकों ने उनका विजयी जुलूस निकाला।
67 साल के इतिहास में एक ही महिला दूसरी मर्तबा बनी सरपंच
चंद्र शेखर शर्मा किशनगढ़ राजस्थान: सवाई माधोपुर @चंद्र शेखर शर्मा। जिले की बौंली पंचायत समिति क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत बौंली में ही एक महिला ने सरपंच बनने के पिछले 67 वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़ दूसरी बार सरपंच बनने का गौरव हासिल किया है। बुधवार को संपन्न हुए पंचायत राज द्वितीय चरण के चुनाव में बौंली कस्बे में कमलेश देवी शर्मा ऐसी सौभाग्यशाली महिला है, जो दूसरी बार सरपंच पद पर निर्वाचित हुई है ।वह 2007 से 2011 के कार्यकाल में भी सरपंच रह चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्बे में 1953 में पंचायत गठन के बाद कस्बे में अब तक कुल 14 सरपंच बने इसमें 12 मर्तबा केवल एक एक बार पुरुष सरपंच पद पर आसीन रहे ।2007 में आरक्षण प्रक्रिया के तहत सामान्य महिला की सीट पर चुनाव लड़ पिछले सारे रिकार्ड तोड़ कमलेश देवी पहली महिला सरपंच बनी। इस बार के चुनावों में फिर से सामान्य महिला की सीट पर चुनाव लड़कर उन्होंने दूसरी बार सरपंच पद पर निर्वाचित होने का सौभाग्य प्राप्त किया। इस बार उनके सामने 14 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थी जिसमें उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 266 मतों से परास्त कर सरपंच की सीट हासिल की। कमलेश देवी शर्मा के दूसरी बार सरपंच बनने पर कस्बे के लोगों सहित उनके समर्थकों ने विशेष खुशी जाहिर की है ।गौरतलब है कि 1953 से अब तक कस्बे में रामेश्वर गोयल, नवल किशोर, नंद किशोर गोयल , गंगाधर माली ,रामदयाल गर्ग , गंगासहाय गोयल ,सौभाग्यमल जैन, शिवचरण बुंदेला, चुन्नी लाल माली, उत्तम राजौरा, कमलेश देवी शर्मा, रामकिशन गुर्जर, राजेश गोयल सरपंच बने जिसमें दो मर्तबा सरपंच बनने का सौभाग्य केवल कमलेश देवी शर्मा को ही प्राप्त हुआ । कमलेश देवी के सरपंच पद पर निर्वाचित होने व उपसरपंच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनके समर्थकों ने उनका विजयी जुलूस निकाला।