चंद्र शेखर शर्मा किशनगढ़ राजस्थान: सवाई माधोपुर@चंद्रशेखर शर्मा। जिले की नवसृजित पंचायत समिति मलारना डूंगर के गांव दिवाड़ा में बुधवार को हुए सरपंच एवं वार्ड पंचों के चुनाव को लेकर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा स्थानीय विधायक एवं राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए मतदान प्रक्रिया का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया गया। मामले की तह में पहुंचने पर पता चला कि इसके लिए मुख्य रूप से क्षेत्रीय विधायक की कार्यशैली को जिम्मेदार माना जा रहा है। आमजन ने बताया कि सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार की विधानसभा चुनाव की कसक (वर्तमान विधायक के पक्ष में मतदान नहीं करके दूसरे प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करना ) एवं द्वेषतावश ग्राम दिवाड़ा को शेषा ग्राम पंचायत जिसकी दूरी 1 किलोमीटर थी , से पृथककर( काटकर) नवसृजित ग्राम पंचायत कुंडली नदी में जिसकी दिलवाड़ा गांव से कुल दूरी 16 किलोमीटर है, के साथ जोड़ दिया गया। तब से ही संपूर्ण ग्रामवासी नाराज चल रहे हैं। जिसके चलते समस्त ग्रामीणों द्वारा लिखित एवं मौखिक रूप से सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर, एसडीएम, डायरेक्टर ऑफ़ पंचायत राज विभाग से लेकर सीएम, डिप्टी सीएम एवं कई मर्तबा खुद क्षेत्रीय विधायक दानिश अबरार से न्याय की गुजारिश की गई , लेकिन इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई। क्षेत्रीय विधायक ने विधानसभा में वोट न मिलने का ताना मारते हुए और दंड का भागीदार बताते हुए अपने ही द्वारा रचित मामले में हस्तक्षेप से ही इनकार कर दिया गया। जिसके फलस्वरूप दीवाड़ा गांव के समस्त ग्रामीणों ने 22 जनवरी को होने वाले चुनाव में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई और चुनावी मेटर को लेकर आरो को लिखित मे सूचना देकर फोर्म तक नहींं लगाने और बुधवार को होने वाले मतदान का पूर्णता बहिष्कार करने का एकजुट निर्णय लिया ताकि सरकार को अपनी गलती का एहसास हो। यही नहीं ग्रामीणों ने आगे आने वाले चुनाव के लिए भी मतदान का पूर्णता बहिष्कार रखने की जबरदस्त चेतावनी भी दे दी।
राजस्थान:पंचायत चुनाव सवाई माधौपुर में 3 वार्ड के तकरीबन 1150 मतदाताओं ने नहीं दिया वोट
चंद्र शेखर शर्मा किशनगढ़ राजस्थान: सवाई माधोपुर@चंद्रशेखर शर्मा। जिले की नवसृजित पंचायत समिति मलारना डूंगर के गांव दिवाड़ा में बुधवार को हुए सरपंच एवं वार्ड पंचों के चुनाव को लेकर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा स्थानीय विधायक एवं राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए मतदान प्रक्रिया का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया गया। मामले की तह में पहुंचने पर पता चला कि इसके लिए मुख्य रूप से क्षेत्रीय विधायक की कार्यशैली को जिम्मेदार माना जा रहा है। आमजन ने बताया कि सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार की विधानसभा चुनाव की कसक (वर्तमान विधायक के पक्ष में मतदान नहीं करके दूसरे प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करना ) एवं द्वेषतावश ग्राम दिवाड़ा को शेषा ग्राम पंचायत जिसकी दूरी 1 किलोमीटर थी , से पृथककर( काटकर) नवसृजित ग्राम पंचायत कुंडली नदी में जिसकी दिलवाड़ा गांव से कुल दूरी 16 किलोमीटर है, के साथ जोड़ दिया गया। तब से ही संपूर्ण ग्रामवासी नाराज चल रहे हैं। जिसके चलते समस्त ग्रामीणों द्वारा लिखित एवं मौखिक रूप से सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर, एसडीएम, डायरेक्टर ऑफ़ पंचायत राज विभाग से लेकर सीएम, डिप्टी सीएम एवं कई मर्तबा खुद क्षेत्रीय विधायक दानिश अबरार से न्याय की गुजारिश की गई , लेकिन इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई। क्षेत्रीय विधायक ने विधानसभा में वोट न मिलने का ताना मारते हुए और दंड का भागीदार बताते हुए अपने ही द्वारा रचित मामले में हस्तक्षेप से ही इनकार कर दिया गया। जिसके फलस्वरूप दीवाड़ा गांव के समस्त ग्रामीणों ने 22 जनवरी को होने वाले चुनाव में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई और चुनावी मेटर को लेकर आरो को लिखित मे सूचना देकर फोर्म तक नहींं लगाने और बुधवार को होने वाले मतदान का पूर्णता बहिष्कार करने का एकजुट निर्णय लिया ताकि सरकार को अपनी गलती का एहसास हो। यही नहीं ग्रामीणों ने आगे आने वाले चुनाव के लिए भी मतदान का पूर्णता बहिष्कार रखने की जबरदस्त चेतावनी भी दे दी।