टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने जिला पंचायत सदस्य एवं वन स्थाई समिति की सभापति उषा गोपाल पटेल के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा पुलिस में एफ आई आर कराए जाने की कार्यवाही की निंदा करते हुए प्रशासन की इस कार्यवाही को प्रशासनिक दादागिरी कहा है। श्री तिवारी ने प्रशासन द्वारा की जा रही एफ आई आर की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए कहा है कि, नियम कानून की धज्जियां उड़ाने वालों से सवाल करना या कटघरे में खड़ा करना आपराधिक कृत्य की परिधि में कैसे माना जा सकता है ? आखिर उषा गोपाल पटेल ने खनिज अधिकारी के संज्ञान में लाकर अवैध तरीके से रेत उत्खनन पर कार्यवाही करने की बात की है और कहा है कि मशीनों से रेत उत्खनन नियम विरुद्ध है, क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार ने मशीनों से रेत उत्खनन प्रतिबंधित किया है, मशीनों से रेत उत्खनन के कारण मजदूरों को काम नहीं मिल पाता है और उन्हें काम की तलाश में पलायन करने को मजबूर होना पड़ता है। श्री तिवारी ने कहा है कि कायदे कानून को रौंदने पर जनप्रतिनिधि द्वारा कार्यवाही की मांग करने पर अपने पदीय दायित्व के विपरीत कलेक्टर एवं खनिज अधिकारी द्वारा जिला पंचायत सदस्य को फुटबॉल बनाकर इस पाले से उस पाले में धकियाना क्या अपराध के परिधि में नहीं आता है ? और जनप्रतिनिधि को गुस्सा होना स्वभाविक नही है ? जिले में गांव-गांव गली-गली में हर एक के जुवान में है कि अवैध रेत उत्खनन में रेत माफिया, खनिज विभाग, सोन घड़ियाल विभाग, पुलिस विभाग जिला, प्रशासन एवं सरकार के नुमाइंदों की साझेदारी है, इन असली अपराधियों के भ्रष्ट्राचार के सड़ांध की दुर्गंध, आवैधानिकता पर कार्यवाही करने की बात करने वाली ऊषा गोपाल पटेल पर बतकही का बतंगड़ बना कर एफ आई आर रूपी स्प्रे के छिड़काव से दबेगी नही।
सादर प्रकाशनार्थ
प्रवक्ता
टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा