नेशनल क्राइम ब्रांच ब्यूरो के अनुसार महान भारत में साल के 40000 रेप होते हैं, यानी प्रतिदिन एवरेज 106 रेप ।
इनमें से हर 10 में से 1 नाबालिग बच्ची होती है,
कड़ें कानून न होने की वजह से बलात्कारी डरते नहीं, कनविक्शन रेट 25% है । इसलिए उनके होंसले बुलंद हैं ।
एक जनवरी 2019 से लेकर 30 जून 2019 तक बलात्कार के 24212 केस दर्ज हुए , ये केस केवल नाबालिग बच्चों और बच्चीयों से सबंधित थे । 12231 मामलों में पुलिस आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है और 11981 कैस में पुलिस जाँच कर रही है ।
6449 केस में ट्रायल चल रहा है, केवल 911 केस में फैसला आया है, यानी के मात्र 4% ये भी सिर्फ इसलिए क्योंकि "पोक्सो" के तहत चाजर्शीट के लिए समय सीमा तय की गई है।
खुद को विश्वगुरु कहलाने वाले हमारे देश में हर दिन 132 मामले दर्ज हो रहे हैं, 2017 में पूरे साल में 17780 मामले दर्ज हुए थे, 2019 में केवल 6 महीने में 24212 मामले दर्ज हुए। सिस्टम के हिसाब से ये हाल है, पर समाज के हिसाब से देखें तो रूह कांप जाती है , झारखंड ले लो या हैदराबाद, चाहे आसीफ़ा ले लो या निर्भया.…... पंजाब वाले लंगाह और केतिया कांड को याद कर लें ।
एक बात पक्की है, वहशी और बीमार लोगों की संख्या बढ़ गई है ।
राष्ट्रीय अपराध शाखा ब्यूरो के अनुसार 2017 में ही बलात्कार के 33698 मामले दर्ज हुए, इनमें से 10221 लड़कियां 18 साल से कम की हैं ।
बाकी सब चलता ही रहेगा ! बलात्कार होते रहेंगे !
हम केंडिल मार्च करते रहेंगे ! फिर उस नेताओं को दोबारा चुनते रहेंगे ।
फिर दोबारा बलात्कार होते रहेंगे !
जीवन_चक्र_चलता_रहेगा
इसलिए अपने घर की बहू-बेटी की इज्जत के बारे जरूर सोचना !!