*धर्म की रक्षा किये बिना नही हो सकती मानवता की रक्षा-के सी शर्मा*
धर्म रक्षा किए बिना मानवता की बात सोच भी नहीं सकते...क्योंकि एक व्यक्ति में धर्म ही है जो मानवता का निर्माण करता है...और अधर्म जो हैवानियत का निर्माण करता है
शृष्टि का मात्र एक ही धर्म है सत्य सनातन जिसका न आदि है न अंत...इसके अलावा अनेकों मत पंथ और सम्प्रदाय किसी न किसी व्यक्तिगत समझ से बनाये गए...।
यदि हम धर्म को समझकर उसका अनुशरण नहीं करते हैं तो आज नहीं तो कल अधर्म हम लोगों पर भारी हो जाएगा और चारों तरफ हाहाकार, होगा, लूट बलात्कार, हत्या, आतंकवाद ये सब फैलता रहेगा।
अधर्म करने वाला तो अपनी प्रवर्ति के अनुसार कार्य कर रहा है लेकिन धर्म मार्गियों को चाहिए कि वो अधर्म को बढ़ने से रोकें उनका दमन करें अन्यथा जो अन्याय आज बढ़ते जा रहा है उसके भोगी आप भी बनेंगे...।
धर्म क्या है, क्या सिखाता है, इसका ज्ञान शास्त्रों में भरा पड़ा है लेकिन दुख आज हिंदुओं के पास समय नहीं की वो अपने शास्त्रों का अध्ययन करे और धर्म-परायण बने...शास्त्र और शस्त्र दोनों का ज्ञान ले और आवश्यक हो वहां उसका प्रयोग करे।