*पंकज पाराशर छतरपुर*
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस समय तेज़ी से तबादलों का दौर जारी है। लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी अफसरों पर गाज गिरने से मंत्रालय में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। वाणिज्य कर विभाग के प्रमुख सचिव रहे मनु श्रीवास्तव को कामकाज में लापरवाही बरते पर उनसे विभाग की जिम्मेदारी वापस ले ली गई हैं। ऐसा माना जाता है कि श्रीवास्तव सीएम के खास अफसरों में से हैं। लेकिन लगातार उनकी शिकायतें मिलने की वजह से उनपर भी गाज गिर गई। मंत्रालय में अफसरों के बीच अब डर की स्थिति बन गई है। दबी जुबान कहा जा है कि अब गाज किसी पर भी गिर सकती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सत्ता में आने के बाद श्रीवास्तव को उनकी पसंद का विभाग दिया था। यही नहीं, श्रीवास्तव के अलावा सीएम ने अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरी सिंह का भी तबादला पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से प्रशासन अकादमी में किया था। सिंह आईएएस एसोसिएशन की चैयरपर्सन भी हैं। उनको हटाने से अफसरों में संदेश गया है कि मंत्री के आदेश की उपेक्षा करना किसी भी अफसर को भारी पड़ सकता है। ऐसा ही कुछ होशंगाबाद कलेक्टर और दतिया कलेक्टर, टीकमगढ़ कलेक्टर के साथ भी हुआ है। होशंगाबाद कलेक्टर शीलेंद्र सिंह को हटाने के पीछे रेत विवाद को बड़ी वजह माना जा रहा है। वहीं टीकमगढ़ कलेक्टर और दतिया कलेक्टर भी अपनी कार्यशैली के कारण हटाए गए हैं। इन तबादलों के बाद से अफसरों में संदेश गया है कि अब सरकार एक्शन मोड में है और किसी भी अफसर पर गाज गिर सकती है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री जल्द ही प्रिंसिपल सेक्रेटरी की एक नई टीम तैयार करेंगे। सत्ता में आने के बाद से ही कमलनाथ सरकार ने कई विभागों के पीएम बदले हैं।