*पंकज पाराशर छतरपुर*
भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अपने संगठन में बड़े बदलाव करने जा रही है। हाल ही में संगठन चुनाव संपन्न हुए हैं। इस बीच अब प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव को लेकर भी सियासी गलियारों में हवा चल रही है। भाजपा के कद्दावर नेता दिल्ली में भाजपा सुप्रीमो अमित शाह के दरबार में हाजिरि लगा रहे हैं। वही, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी अफने दावे पर बरकरार हैं। इस हलचल को देखते हुए केंद्रीय आलाकमान ने दो केंद्रीय मंत्रियों मुख्तार अब्बास नकवी और अश्विनी चौबे को पर्यवेक्षक नियुक्ति किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में वर्तमान अध्यक्ष राकेश सिंह समेत कई दिग्गज नेता शामिल हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद प्रभात झा, पूर्व संसदीय कार्यमंत्री मंत्री नरोत्तम मिश्रा और खजुराहो सांसद बी डी शर्मा के नाम प्रमुखता से लिए जा सकते हैं। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान इस पद के प्रमुख दावेदार बताए जा रहे हैं। उन्होंने वादा किया है कि अगर पार्टी उन्हें मौका देती है तो वह कांग्रेस सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित होंगे। वहीं, पूर्व गृह मंत्री का नाम भूपेंद्र सिंह का नाम भी शिवराज ने ही आगे बढ़ाया है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के पद को देखते हुए जातीय समीकरण भी साधने की कोशिश कर रही है। इसलिए नेता प्रतिपक्ष के पद पर गोपाल भार्गव को बैठाने के बाद पार्टी ने ब्राम्हणों को साधने का काम किया था। अब पार्टी अन्य वर्गोंं को साधने के लिए किसी गैर ब्राम्हण नेता को मौका दे सकती है। हालांकि बीजेपी की पार्टी लाइन के मुताबिक आमतौर पर जो प्रदेश अध्यक्ष नॉमिनेटेड होता है उसे निर्वाचन का मौका मिलता है, इस लिहाज से देखें तो राकेश सिंह का दावा मजबूत है. लेकिन जिस तरह प्रदेश में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और राकेश सिंह के बीच मतभेद सामने आए हैं और बीजेपी को प्रदेश की सत्ता से बाहर होना पड़ा, उसे देखते हुए क्या केंद्रीय आलाकमान प्रदेश बीजेपी के सेनापति के नाम पर कोई बड़ा बदलाव करेगा ये देखने वाली बात होगी l