आज हमारे देश और समाज में रेप की घटनाएं दिनों दिन बढ़ती जा रही है।सरकार ने रेप केस में दोषी पाये जाने वाले लोगों के लिए कड़ी से कड़ी सजा देने का प्रावधान भी बनाया है।लेकिन फिर भी ये घटनाएं रुकने का नाम ही नही ले रहीं है।दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।एक आंकड़े के अनुसार 96 फीसदी बलात्कार घर की चारदीवारी के भीतर होते हैं। कानून कभी इसमें दखल नहीं दे पाता। इसे कानून से नियंत्रित भी नहीं किया जा सकता।जीवन की भौतिकता, रहन-सहन, नैतिक मूल्यों की अनदेखी, इस समस्या की जड़ है।
अचानक अपराधों का गढ़ बन चुके उत्तर प्रदेश के उन्नाव में महिला अपराध चरम पर हैं।
पूरे प्रदेश में अपराधी खुलेआम पुलिस और कानून को चुनौती दे रहे हैं।
इनका इतना दुस्साहस कि कि उन्नाव में पीड़िता को मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया, तैयार नहीं होने पर लाठी डंडों से पीट मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया।कभी कोई सामान्य आदमी इतना दुष्कर्मी नहीं हो सकता, मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति ही यह नीच कर्म कर सकता है।दुर्भाग्य से इस साल जनवरी से नवंबर तक सिर्फ उन्नाव जिले में 86 रेप की घटनाएं हो चुकी हैं। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के 185 मामले सामने आए हैं।
देश में लड़कियों और महिलाओं पर हो रहा अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है।हैदराबाद में कुछ दिन पहले एक पशु डॉक्टर का गैंगरेप कर उसे जिंदा जला दिया गया।
तब से देश भर में अनेक घटनाएं सामने आ रही है।ताजा मामला मेरठ के एक मदरसे का है। यहां पढ़ाने वाले एक शिक्षक ने ही बच्ची से रेप किया और बाद में मौके से फरार हो गया।
बच्ची की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया।
बीते कुछ दिनों में यूपी में बच्चियों के साथ रेप की यह कोई पहली घटना नहीं है।
दर्ज मामलों की बात करें तो केवल उन्नाव एक जिले में बीते दस दिनों में बच्चियों से दरिंदगी की यह 10वीं वारदता है तो सहज ही अंदाज लगाया जासकता है कि पूरे सूबे की हालत कितनी बुरी हो गयी है।
इस तरह का पहला मामला 30 मई को सूबे के टप्पल,अलीगढ़ में सामने आया था।
जहां ढाई साल की बच्ची से रेप के बाद उसे मार दिया गया, इसके बाद चार जून को मेरठ में नौ साल की बच्ची से पहले रेप और बाद में उसकी हत्या कर दी गई,
पांच जून को बाराबंकी में एक पड़ोसी आठ साल की बच्ची से रेप किया,
वहीं सात जून को बरेली में एक आठ साल की बच्ची रेप की घटना सामने आई,
इसी तरह आठ जून को वाराणसी में दस साल की बच्ची से रेप की शिकायत दर्ज कराई गई, इसी तरह आठ जून को हमीरपुर में 11 साल के बच्ची से रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई, आठ जून को ही जालौन में सात साल की बच्ची से रेप की घटना हुई।
यूपी में हो रही एक के बाद एक घटनाओं ने राज्य में कानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।
कानून व्यवस्था के मामले में सरकार अपने सिस्टम से जानकारी एकत्र करती है।
लेकिन वह प्रर्याप्त नहीं होता क्योंकि सत्तर प्रतिशत मामले पंजीकृत ही नहीं होते हैं।
सरकार के पास विधायक, सांसद व पार्टी कार्यकर्त्ताओं का भी अपना तंत्र होता है जो वर्तमान में लगभग ध्वस्त सा हो गया है।
सरकार को शिर्फ सरकारी मुलाजिमों पर ही निर्भर है। जिनसे सही व निष्पक्ष जानकारी की कल्पना नहीं की जा सकती। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में पूर्णकालिक गृहमंत्री की जरूरत है।
कानून व्यवस्था तथा प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज़ निवेशकों की नाराज़गी प्रदेश सरकार के सपनों को पलीता लगा सकतें हैं।