सिंगरौली नगर निगम के सीवरेज निर्माण में गोलमाल


सिंगरौली। सिंगरौली जिले को गंदगी व सड़क पर बहते पानी से मुक्ति दिलाने हेतु नगर पालिक निगम द्वारा सिवरेज निर्माण हेतु टेन्डर जारी किया गया था। सिवरेज निर्माण हेतु तीन चार वर्ष पूर्व के के स्पंदन नामक कंपनी को टेन्डर दिया गया था। सिवरेज निर्माण कंपनी द्वारा जिस तरह से अब तक कार्य किया जा रहा है उसे देखकर तो यही लगता है कि जिले को गंदगी से मुक्ति कब मिलेगी इसका तो पता नहीं परन्तु शहर की सड़को को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया गया है। 
सिवरेज निर्माण कंपनी द्वारा जिले भर में छोटे ठेकेदारों को काम दे दिया गया है। सिवरेज निर्माण कार्य तो जिले भर में सैकड़ो जगहों पर शुरू हुआ है परन्तु घटिया निर्माण की भेंट चढ़ता सिवरेज निर्माण कार्य मात्र गड्ढा खोदकर  शहर की सड़कों को तहस नहस करने तक ही सीमित रह गया है। सिवरेज निर्माण की गलत नीति के चलते आये दिन दुर्घटनाएं आम हो गयी हैं। यदि नगर निगम क्षेत्र में देखा जाय तो रोजाना दर्जनों दुर्घटनाएं सिवरेज के खोदे गये गड्ढों के कारण हो रही हैं। कहीं बड़ी गाड़िया गड्ढों में घुस जाती हैं तो कहीं कई लोग गड्ढों में गिरकर अपना हाथ पैर तोड़ ले रहे हैं। 

जिले के जनप्रतिनिधियों तथा स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि शहर में कई जगह गड्ढे खोदकर छोड़ दिये गये हैं तो कई जगहों पर ढोला लगा दिया गया है लेकिन उसपर ढक्कन नहीं लगाया गया है। जहां ढक्कन भी लगा है तथा निर्माण कार्य भी पूर्ण हो गया है वहां मात्र गाड़ी चलने से पूरी तरह से सिवरेज धंस जा रही है। 
बताया जाता है कि पूर्व में सिवरेज निर्माण कार्य की देखरेख हेतु नगर निगम के सिविल ईई व्ही पी उपाध्याय को दिया गया था। सिविल ईई द्वारा  कंपनी के प्रति साफ्ट कार्नर अपनाया जाता रहा। जिस कारण कंपनी अपनी मनमानी करती रही। नगर निगम को भी इस बात की बखूबी जानकारी है इसीकारण श्री उपाध्याय को उक्त प्रभार से भारमुक्त कर आर के जैन को सिवरेज निर्माण की जांच का जिम्मा दिया गया।।

अभी भी सिवरेज का कार्य रही कंपनी की मनमानी अभी जारी....
कार्यों में नहीं हुआ सुधार और जनता होगी परेशान तो जनप्रतिनिधि कर सकते हैं आंदोलन