तुम्हें जिद है कुर्सी से चिपके रहने की तो हमें जिद है किसानों के खेत को बर्बाद करने की -आवारा पशु



के के मिश्रा / हरीश सिंह
सन्त कबीर नगर - आवारा पशुओ से जनपद इतना आहत है कि उसे प्राथमिक विद्यालय हो या ब्लाक मुख्यालय या फिर सड़क जाम कोई भी हथकंडा अपनाना अब मजबूरी हो गयी है । हालांकि इस बाबत प्रदेश की योगी सरकार गंभीर ही नही बल्कि संरक्षण की सुव्यवस्था भी कर रही है इसके लिए जहां नगर पंचायत और नगर पालिकाओ मे कान्हा गौशाला से लेकर ग्राम पंचायत स्तरीय अस्थिर गौ आश्रय की सुव्यवस्था देते हुए पानी की तरह रुपया बहा रही है फिर भी आवारा पशुओ के आतंक से जनपद उबर नही पा रहा है झुण्ड के झुण्ड आवारा पशुओ से जहां किसानो के आगे की थाली खीच रही है वही शहर बाजार हाटो के रास्ते अवरूद्ध हो रहे है लेकिन जिम्मेदार कंधे अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ना नही छोड़ रहे है । कुर्सी इन्हे ऐसे जकड़ रखी है जैसे कुंडी को ताले जकड़ रखते है यही वह कारण है जिससे किसानो का अहित और राहगीरो को परेशान करना छुट्टा पशुओ की मजबूरी हो गयी है ।