रिपोर्ट- चंद्रशेखर शर्मा, विशेष संवाददाता ) पंचायत पुनर्गठन के मामले में राज्य सरकार को जोधपुर हाईकोर्ट के फैसले से तगड़ झटका लगा है। राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति व डॉ. जस्टिस पी.एस. भाटी की खंडपीठ ने ग्राम पंचायतों व पंचायत समितियों के पुनर्गठन के लिए 15-16 नवंबर के बाद जारी सभी नोटिफिकिशन को रद्द कर दिया है। केवल छापने की त्रुटि को सुधारने के लिए किए गए नोटिफिकेशन रद्द नहीं हाेंगे। हाईकाेर्ट ने शुक्रवार को याचिकाकर्ता जयसिंह सहित 85 अन्य याचिकाओं का निस्तारण करते हुए यह अहम फैसला दिया।
काेर्ट के फैसले का असर सरकार की अाेर से 17 नवंबर अाैर 12 दिसंबर काे जारी नाेटिफिकेशन पर हाेगा। इनके तहत 17 नवंबर काे 178 ग्राम पंचायतें अाैर 6 पंचायत समितियाें तथा 12 दिसंबर को झुंझुनूं व नागौर में 26 ग्राम पंचायतों व 3 पंचायत समितियों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था। अब ये पंचायतें व पंचायत समितियां अस्तित्व में नहीं अाएंगी। हालांकि, इससे पहले 15 व 16 नवंबर को 1260 नई ग्राम पंचायतें गठित करने का नोटिफिकेशन जारी हुअा था। इसके बाद प्रदेश में ग्राम पंचायतें बढ़कर 11,148 हो गई थी। ये पंचायतें यथावत रहेंगी।
याचिकाकर्ताअाें ने काेर्ट में कहा था कि परिसीमन काे लेकर उनकी शिकायताें को जिला कलेक्टराें ने ताे कंसीडर किया, लेकिन मंत्रिमंडलीय सब कमेटी ने नहीं किया। जिला कलेक्टराें द्वारा भेजी गई अनुशंसाओं को सब कमेटी ने बदल दिया।नोटिफिकेशन जारी करने में गाइडलाइन व पैरामीटर की पालना नहीं की गई। हालांकि, सरकार ने तर्क दिया था कि 15-16 नवंबर को जारी नोटिफिकेशन विधायी कार्यवाही थी अाैर इसमें न्यायालय हस्तक्षेप नहीं कर सकता। नव गठित पंचायतों व पंचायत समितियों से याचिकाकर्ताओं का किसी तरह का मौलिक अधिकार व विधिक अधिकारों का हनन नहीं हुआ है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान सरकार की पंचायत पुनर्गठन मामलें में चौतरफा किरकिरी हुई है।
[12/14, 10:33 AM] चंद्र शेखर शर्मा किशनगढ़ राजस्थान: पंचायत पुनर्गठन का मामला, हाईकोर्ट ने दिया सरकार को झटका, 15- 16 नवंबर बाद जारी नोटिफिकेशन हुआ रद्द,