कानपुर नगर, शहर के जाने माने नेत्र सर्जन डा0 अवध दुबे द्वारा एक वार्ता के दौरान बताया गया कि नेशनल यूनिवर्सिटी
आॅफ सिंगापुर, विरोज हेल्थकेयर फाउंडेशन सिंगापुर एवं आरके देवी आई रिसर्च इंस्टिट्यूट केसंयुक्त तत्वाधान में प्रोजेक्ट
आईटूआई एवं शैक्षिक परियोजना का संचालन किया जायेगा, जिसके प्रथम चरण में नेशनल यूनिवर्सिटी आॅफ सिंगापुर के
7 मेडिकल छात्र कानपुर में आरके देवी आई रिसर्च के साथ मिलकर यहां की चिकित्सा सेवाओं में जटिलताओं एवं उपचार
की पद्धतियों के विषय में जानेगे और इसे और भी उन्नत बनाने का प्रयास करेगे।
वार्ता में डा0 रूपेश अग्रवाल ने बताया कि हर सौ में 2लोगों को आंख की टीबी होती है लेकिनि इसकी
जानकारी लोगों को नही होती। आंख लाल होना, काले धब्बे, धुंधला दिखाना जैसे इसके लक्षण होते है, जिसका कंजक्टिवाइटिस
के तौर पर इलाज किया जाता है, जबकि आंख की टीबी में नेत्रहीन होने का प्रबल खतरा होता है। आंखो की टीबी का अध्ययन
करने के लिए 35 देशों के 150 से अधिक नेत्ररोग विशेषज्ञो ने काॅटस ग्रुप अर्था कोलेब्रिेटिव आक्यूलर टयुबरक्लोसिस स्टडी तैयार किया है
इसमें अमेरिका, भारत, चीन सहित कई देशो के प्रतिनिधि है। इसमें भारत के 10 नेत्ररोग विशेषज्ञ है। पीजीआई चंडीगढ की ड0 वैशाली गुप्ता
के नेतृत्व में अध्ययन चल रहा है। बताया कानपुर में विगत 4 वर्षो से आरके देवी आई रिसर्च इंस्टिटयूट एवं डा0 एसके कटियार के साथ मिलकर
डा0 रूपेश अग्रवाल के द्वारा यूवाइटिस के मरीजो को परामर्श दिया जाता है। वार्ता में डा0 अवध दुबे, डा0 गौरव दुबे ने बताया कि कानपुर में इस
बीमारी के रोगियों की काफी संख्या है। डा0 रूपेश की मदद से इस बीमारी के इलाज के काफी कम हो रहा है।