मधुमेह के रोगियों के लिए घरेलू उपचार के सी शर्मा की कलम से



*मधुमेह के लिए घरेलू उपचार-के सी शर्मा*


1- 10 मिग्रा आंवले के जूस को 2
    ग्राम हल्दी  के पाउडर में मिला
   लीजिए। इस घोल को दिन में
   दो बार लीजिए। इसको लेने से
   खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित
   होती है।
2- औसत आकार का एक
    टमाटर, एक खीरा और एक
    करेला को लीजिए। इन तीनों
    को मिलाकर जूस निकाल
    लीजिए। इस जूस को हर रोज
    सुबह-सुबह खाली पेट
    लीजिए। इससे डायबिटीज में
    फायदा होता है।
3- डायबिटीज के मरीजों के लिए
    सौंफ बहुत फायदेमंद होता है।
    सौंफ खाने से डायबिटीज
    नियंत्रण में रहता है। हर रोज
    खाने के बाद सौंफ खाना
    चाहिए।
4- मधुमेह के रोगियों को जामुन
    खाना चाहिए। काले जामुन
   डायबिटीज के मरीजों के लिए
   अचूक औषधि मानी जाती है।
   जामुन को काले नमक के साथ
   खाने से खून में शुगर की मात्रा
   नियंत्रित होती है।
5- स्टीविया का पौधा मधुमेह
    रोगियों के लिए बहुत
   फायदेमंद होता है। स्टीविया
   बहुत मीठा होता है लेकिन
   शुगर फ्री होता है। स्टीविया
   खाने से पैंक्रियाज से इंसुलिन
   आसानी से मुक्त होता है।
6- डायबिटीज के मरीजों को
    शतावर का रस और दूध का
    सेवन करना चाहिए। शतावर
    का रस और दूध को एक
    समान मात्रा में लेकर रात में
    सोने से पहले मधुमेह के
    रोगियों को सेवन करना
    चाहिए। इससे मधुमेह नियंत्रण
    में रहता है।
7- मधुमेह मरीजो को नियमित
    रूप से दो चम्मच नीम का रस
   और चार चम्मच केले के पत्ते
    के रस को मिलाकर पीना
    चाहिए।
8- चार चम्‍मच आंवले का रस,
    गुड़मार की पत्ती मिलाकर
    काढ़ बनाकर पीने मधुमेह
    नियंत्रण में रहता है।
9- गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण
    होते हैं। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों
    से रस निकालकर सेवन करने
    से मुधमेह नियंत्रण में रहता है।
10-मधुमेह के रोगियों को खाने
    को अच्छे से चबाकर खाना
    चाहिए। अच्छे से चबाकर
    खाने से भी मधुमेह को
    नियंत्रण में किया जा सकता
     है।
11-मधुमेह रोगियों को नियमित
     व्यायाम और योग करना
     चाहिए।

इन घरेलू उपायों को अपनाकर आप रक्‍त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन, याद रखें इसके साथ ही आपको संतुलित आहार भी अपनाना चाहिए। साथ ही आपको चाहिए कि इन उपायों को आजमाने से पहले आपको डॉक्‍टर से सलाह भी ले लेनी चाहिए। डॉक्‍टर इस हिसाब से आपको दी जाने वाली दवाओं में फेरबदल कर सकता है।