राजस्थान: किशनगढ़।मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय समग्र शिक्षा अभियान किशनगढ़ के तत्वावधान में संचालित 10 दिवसीय गैर आवासीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल ढाका द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया गया। एसीबीईओ द्वारा शिविर में आवास, भोजन एवं सेल्फ डिफेंस से जुड़ी व्यवस्थाओं की जांच- परख की गई। इस दौरान उन्होंने शिविर में शामिल संभागीयों एवं दक्ष प्रशिक्षकों से फीडबैक भी प्राप्त किया। संयुक्त सत्र के दौरान संभागयों के बीच बोलते हुए ढाका ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं को सशक्त एवं सबल बनाने के लिए हर स्तर पर भरपूर सहयोग प्रदान किया जा रहा हैं । ताकि व विषम परिस्थितियों में अपनी एवं समुदाय में शामिल अन्य बालिकाओं/ महिलाओं की जरूरत पड़ने पर हर संभव मदद ( रक्षा) कर सकें। उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण उसी प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा है।उन्होंने कहा कि वर्तमान में बालिकाओं एवं महिलाओं के साथ नित्य प्रतिदिन हिंसा, छेड़छाड़, लूट-पाट ,दुष्कर्म आदि की अनेकानेक घटनाएं घटित हो रही हैं। आत्मरक्षा प्रशिक्षण बालिकाओं को इन सब के खिलाफ आवाज उठाने एवं इन सब से अपनी सुरक्षा करने में सक्षम बनाएगा। सुरसुरा स्थित जाट विश्राम स्थली में संचालित आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर के सप्तम दिवस मुख्य रूप से योगा प्रशिक्षक कानाराम जाट ( वरिष्ठ अध्यापक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, त्योद) ने प्रथम सत्र में संभागीयों को योगा एवं प्राणायाम से जुड़ी विभिन्न विधाओं की गतिविधि आधारित जानकारी प्रदान की । प्रशिक्षण के सप्तम दिवस दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा भी संभागीयों को आत्मरक्षा (सेल्फ डिफेंस) के अनेकानेक गुर(टिप्स) सिखाए गए। दक्ष - प्रशिक्षकों द्वारा गुरुवार को संभागीयों को सेल्फ डिफेंस के अंतर्गत आत्मरक्षा के साथ-साथ आत्मविश्वास बढ़ाने हेतु विभिन्न प्रकार की रोचक जानकारियों से भी अवगत कराया गया, दक्ष प्रशिक्षकों ने ब्लाक, अटैक, रोल, फॉल, तथा थ्रो करने की नई तकनीक संभागीयों को सिखाई । जबकि शिविर सहयोगी श्योजी राम जाट द्वारा दोनों ग्रुपों में विभिन्न प्रकार के चौक, साइबर क्राइम एवं पोक्सो एक्ट की जानकारी प्रदान की गई। शिविर सह प्रभारी एवं संदर्भ व्यक्ति प्रेमचंद शर्मा ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण के उद्देश्यों के महत्व पर प्रकाश डाला । शिविर में पूर्व दिवस के प्रशिक्षण का अभ्यास, व्यायाम, जूडो- कराटे, ताइक्वांडो आदि का पूर्ववत अभ्यास करवाया गया जिसमें समस्त प्रशिक्षणार्थियों ने बेहद रूचि दिखाई। अन्य वक्ताओं ने भी शिविर में अपने विचार रखें, सभी की बातों से यही लगा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं में आत्मविश्वास पैदा करना है। प्रशिक्षण में दक्ष प्रशिक्षक के रूप में भावना कंवर, अर्चना मीणा, करुणा मीणा, मीनाक्षी वर्मा एवं अंजू बलौदा द्वारा संभागीयों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही हैं।संदर्भ व्यक्ति चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि 10 दिन से आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर में कुल 143 संभागी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम सहयोगी , ईश्वरलाल मालाकार,सिया राम चौधरी, सुरेश कुमार वैष्णव तथा आलोक शर्मा आदि भी उपस्थित थे।
बालिकाओं को सशक्त एवं सबल बनाना आत्मरक्षा प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य-ढाका
राजस्थान: किशनगढ़।मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय समग्र शिक्षा अभियान किशनगढ़ के तत्वावधान में संचालित 10 दिवसीय गैर आवासीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल ढाका द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया गया। एसीबीईओ द्वारा शिविर में आवास, भोजन एवं सेल्फ डिफेंस से जुड़ी व्यवस्थाओं की जांच- परख की गई। इस दौरान उन्होंने शिविर में शामिल संभागीयों एवं दक्ष प्रशिक्षकों से फीडबैक भी प्राप्त किया। संयुक्त सत्र के दौरान संभागयों के बीच बोलते हुए ढाका ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं को सशक्त एवं सबल बनाने के लिए हर स्तर पर भरपूर सहयोग प्रदान किया जा रहा हैं । ताकि व विषम परिस्थितियों में अपनी एवं समुदाय में शामिल अन्य बालिकाओं/ महिलाओं की जरूरत पड़ने पर हर संभव मदद ( रक्षा) कर सकें। उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण उसी प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा है।उन्होंने कहा कि वर्तमान में बालिकाओं एवं महिलाओं के साथ नित्य प्रतिदिन हिंसा, छेड़छाड़, लूट-पाट ,दुष्कर्म आदि की अनेकानेक घटनाएं घटित हो रही हैं। आत्मरक्षा प्रशिक्षण बालिकाओं को इन सब के खिलाफ आवाज उठाने एवं इन सब से अपनी सुरक्षा करने में सक्षम बनाएगा। सुरसुरा स्थित जाट विश्राम स्थली में संचालित आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर के सप्तम दिवस मुख्य रूप से योगा प्रशिक्षक कानाराम जाट ( वरिष्ठ अध्यापक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, त्योद) ने प्रथम सत्र में संभागीयों को योगा एवं प्राणायाम से जुड़ी विभिन्न विधाओं की गतिविधि आधारित जानकारी प्रदान की । प्रशिक्षण के सप्तम दिवस दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा भी संभागीयों को आत्मरक्षा (सेल्फ डिफेंस) के अनेकानेक गुर(टिप्स) सिखाए गए। दक्ष - प्रशिक्षकों द्वारा गुरुवार को संभागीयों को सेल्फ डिफेंस के अंतर्गत आत्मरक्षा के साथ-साथ आत्मविश्वास बढ़ाने हेतु विभिन्न प्रकार की रोचक जानकारियों से भी अवगत कराया गया, दक्ष प्रशिक्षकों ने ब्लाक, अटैक, रोल, फॉल, तथा थ्रो करने की नई तकनीक संभागीयों को सिखाई । जबकि शिविर सहयोगी श्योजी राम जाट द्वारा दोनों ग्रुपों में विभिन्न प्रकार के चौक, साइबर क्राइम एवं पोक्सो एक्ट की जानकारी प्रदान की गई। शिविर सह प्रभारी एवं संदर्भ व्यक्ति प्रेमचंद शर्मा ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण के उद्देश्यों के महत्व पर प्रकाश डाला । शिविर में पूर्व दिवस के प्रशिक्षण का अभ्यास, व्यायाम, जूडो- कराटे, ताइक्वांडो आदि का पूर्ववत अभ्यास करवाया गया जिसमें समस्त प्रशिक्षणार्थियों ने बेहद रूचि दिखाई। अन्य वक्ताओं ने भी शिविर में अपने विचार रखें, सभी की बातों से यही लगा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं में आत्मविश्वास पैदा करना है। प्रशिक्षण में दक्ष प्रशिक्षक के रूप में भावना कंवर, अर्चना मीणा, करुणा मीणा, मीनाक्षी वर्मा एवं अंजू बलौदा द्वारा संभागीयों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही हैं।संदर्भ व्यक्ति चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि 10 दिन से आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर में कुल 143 संभागी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम सहयोगी , ईश्वरलाल मालाकार,सिया राम चौधरी, सुरेश कुमार वैष्णव तथा आलोक शर्मा आदि भी उपस्थित थे।