अनपरा। अब तक ढाई हजार कन्याओं का विवाह करा चुके भिक्षु भिखारी बाबा जंगलीदास दीनबन्धु जी महाराज रमाशंकर जी ने 20 जनवरी को प्राचीन अगोरी में 101 कन्याओं का विवाह कराने की घोषणा की। बताया कि देवी मंजरी की भूमि पर 13 जनवरी से विशाल श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा, प्रति दिन भन्डारे में सभी को प्रसाद की भी व्यवस्था की गई है। 19 को भागवत कथा का समापन होगा और 20 को वैदिक रीति-रिवाज से 101 कन्याओं का विवाह संपन्न कराया जाएगा। बताते चले कि भिखारी बाबा अब तक 2500 से अधिक गरीब, बंचित, आदिवासी कन्याओं की शादी करा चुके है। वो अपने इस नेक और परोपकारी कार्य मे जाति और धर्म से परे होकर सोचते है, वो कई गरीब मुस्लिम कन्याओं का भी विवाह संपन्न करा चुके है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि बालिक को चुके कोई भी कन्या की शादी उनके अभिभावकों की मर्जी से माता मंजरी मंदिर धाम माहर की बखरी अगोरी किले पर होगी। कन्या को सभी तरह की सहूलियतें और साजो सामान की व्यवस्था वे खुद कराएंगे। इस मौके पर कार्यक्रम के अध्यक्ष श्यामबिहारी यादव, प्रकाश यादव, राम सजीवन, सुखदेव चौबे, गुलाबदास, अमरनाथ, सुल्तान शहर यार खान, जुल्फिकार अली, श्रवण, अंजनी यादव आदि मौजूद रहे।
20 जनवरी को अघोरी में 101 कन्याओं कहां होगा विवाह
अनपरा। अब तक ढाई हजार कन्याओं का विवाह करा चुके भिक्षु भिखारी बाबा जंगलीदास दीनबन्धु जी महाराज रमाशंकर जी ने 20 जनवरी को प्राचीन अगोरी में 101 कन्याओं का विवाह कराने की घोषणा की। बताया कि देवी मंजरी की भूमि पर 13 जनवरी से विशाल श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा, प्रति दिन भन्डारे में सभी को प्रसाद की भी व्यवस्था की गई है। 19 को भागवत कथा का समापन होगा और 20 को वैदिक रीति-रिवाज से 101 कन्याओं का विवाह संपन्न कराया जाएगा। बताते चले कि भिखारी बाबा अब तक 2500 से अधिक गरीब, बंचित, आदिवासी कन्याओं की शादी करा चुके है। वो अपने इस नेक और परोपकारी कार्य मे जाति और धर्म से परे होकर सोचते है, वो कई गरीब मुस्लिम कन्याओं का भी विवाह संपन्न करा चुके है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि बालिक को चुके कोई भी कन्या की शादी उनके अभिभावकों की मर्जी से माता मंजरी मंदिर धाम माहर की बखरी अगोरी किले पर होगी। कन्या को सभी तरह की सहूलियतें और साजो सामान की व्यवस्था वे खुद कराएंगे। इस मौके पर कार्यक्रम के अध्यक्ष श्यामबिहारी यादव, प्रकाश यादव, राम सजीवन, सुखदेव चौबे, गुलाबदास, अमरनाथ, सुल्तान शहर यार खान, जुल्फिकार अली, श्रवण, अंजनी यादव आदि मौजूद रहे।