आज देश के सबसे बड़े फैसले के लिए तैयार उत्तर प्रदेश- सविता उपाध्याय





सविता उपाध्याय, डिजिटल सम्पादक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी, डीजीपी ओमप्रकाश सिंह समेत कई वरिष्ठ अफसरों से मुलाकात की। अयोध्या केस में फैसला आने से पहले प्रदेश की सुरक्षा तैयारियों के लिहाज से इस मुलाकात को अहम बताया जा रहा है। अयोध्या मामले की चीफ जस्टिस की अगुआई वाली 5 जजों की बेंच ने सुनवाई की थी। उत्तर प्रदेश के आलाअफसरों के साथ बैठक में बेंच के अन्य जज भी मौजूद हैं।

प्रशासन ने फोर्स की 100 कंपनियां मांगीं
अयोध्या जिले को चार जोन- रेड, येलो, ग्रीन और ब्लू में बांटा गया है। इनमें 48 सेक्टर बनाए गए हैं। विवादित परिसर, रेड जोन में स्थित है। पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा योजना इस तरह बनाई जा रही है कि एक आदेश पर पूरी अयोध्या को सील किया जा सके। प्रशासन ने फैसले का समय नजदीक आने पर, अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियां मांगी हैं। इससे पहले दीपोत्सव पर यहां सुरक्षाबलों की 47 कंपनियां पहुंची थीं, जो अभी भी तैनात है।

16000 वॉलियंटर्स तैनात
अयोध्या पुलिस ने सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार या किसी भी सम्प्रदाय के खिलाफ भड़काऊ कंटेंट के प्रसार पर नजर रखने के लिए जिले के 1600 स्थानों पर 16 हजार वॉलंटियर तैनात किए हैं। गड़बड़ी रोकने के लिए 3000 लोगों को चिह्नित करके उनकी निगरानी की जा रही है।

हमारी तैयारियां पूरी: डीएम
अयोध्या के डीएम अनुज कुमार ने कहा कि प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। हालांकि फैसले के मद्देनजर विवादित जगह के आसपास रहने वाले लोग घरों में राशन जमा कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि सामान्य जीवन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। फैसले के बाद स्कूलों के खुलने के संबंध में भी बातचीत की जा चुकी है।

रेलवे ने आरपीएफ की छुट्टियां रद्द कीं
अयोध्या पर फैसले को देखते हुए रेल पुलिस (आरपीएफ) ने भी एडवाइजरी जारी की है। सभी जोन कार्यालयों को भेजे गए 7 पन्नों के दस्तावेज में प्लेटफॉर्म, स्टेशन और यार्ड पर खास निगरानी रखने को कहा गया है। साथ ही हिंसा की दृष्टि से संवेदनशील और ऐसे स्थानों की पहचान करने को कहा है, जहां असामाजिक तत्व विस्फोटक छुपा सकते हैं।

भीड़भाड़ वाले 78 स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने को कहा गया है, जिनमें मुंबई, दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के स्टेशन शामिल हैं। साथ ही, रेलवे स्टेशन और आस-पास मौजूद धार्मिक स्थानों की खास निगरानी करने को कहा गया है। आरपीएफ ने अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और अयोध्या पर फैसला आने से पहले रेलगाड़ियों में भी अतिरिक्त बल तैनात करने की बात कही है।

40 दिन चली सुनवाई
16 अक्टूबर को अयोध्या मामले पर 40 दिन की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होंगे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित जमीन को 3 हिस्सों में बांटने के लिए कहा था
2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या का 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन हिस्सों में समान बांट दिया जाए। एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा रामलला विराजमान को मिले। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं।राम जन्मभूमि मामले पर अगले 10 दिनों के भीतर किसी भी दिन फ़ैसला आ सकता है। फ़ैसला आने के बाद किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो, इसके लिए प्रशासन कई पुख़्ता इंतज़ाम करने में जुटा हुआ है। कहीं फ्लैग मार्च, कहीं सद्भावना रैली, तो कहीं हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और वहाँ का पूरा प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर आ चुका है।

गुरुवार (7 नवंबर) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के ज़रिए सभी ज़िलों के ज़िलाधिकारियों और पुलिस सुपरिटेंडेंट के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। इसके अलावा, उन्होंने लखनऊ में आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इस बैठक में डीजीपी, मुख्य सचिव से लेकर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहे। अयोध्या मामले पर आने वाले फ़ैसले को ध्यान में रखते हुए लखनऊ महोत्सव की तारीख जनवरी के तीसरे सप्ताह तक के लिए बढ़ा दी गई है।

उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि हमारे रडार पर क़रीब 10 हज़ार लोग हैं। उन पर नजर रखी जा रही है, जिससे वो किसी भी तरह की अशांति न फैला सकें। वहीं, 500 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल पुलिस का काम सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखना है, जिसके लिए बक़ायदा एक टीम को लगाया गया है। अभी तक ऐसे क़रीब 1,659 लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर उत्तर प्रदेश पुलिस की नज़र है, जिनसे सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पोस्ट किए जाने की संभावना है।

जानकारी के मुताबिक़, पुलिस की तरफ से सुरक्षा के मद्देनज़र एक पूर्व मंत्री समेत 10 पूर्व विधायकों को भी ज़िला छोड़ने का नोटिस दिया गया है। साथ ही यह चेतावनी दी गई है कि यदि वो फ़ैसले वाले दिन मेरठ में दिखाई दिए तो उनकी तुरंत गिरफ़्तारी होगी। हालाँकि, प्रशासन की ओर से इन 10 लोगों के नाम उजागर नहीं किए गए हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक योगेश वर्मा और पूर्व मंत्री याकूब क़ुरैशी के अलावा ऐसे कई अन्य उपद्रवियों की पहचान की गई है, जिन पर पहले से ही संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं।

इसके अलावा, कई अस्थाई जेलें भी बनाई गईं हैं। बरेली ज़ोन के शहर शाहजहाँपुर, बदायूँ, पीलीभीत, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा और बिजनौर में 4 हजार से अधिक ऐसे लोग चिन्हित किए गए हैं, जो बवाल करवा सकते हैं। इसके अलावा 90 ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं, जो संवेदनशील हैं।

एडीजी अविनाश चंद्र के अनुसार, ज़ोन में सभी जगह शांति बनी रहे, इसके लिए संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं और निगरानी रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी थानों में पीस कमिटी और पुलिस मित्रों की मीटिंग की जा रही है। साथ ही हर थाना क्षेत्र में फ्लैग मार्च भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर भी नज़र रखी जा रही है। फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उनका कहना है कि अगर किसी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर किसी भी तरह की कोई अफ़वाह फैलाई या किसी तरह की कोई विवादित टिप्पणी की तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा, उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अयोध्या मामले पर आने वाले फ़ैसले के मद्देनज़र ज़िले में 30 बम निरोधक दस्तों की तैनाती भी की गई है। साथ ही 10 नवंबर तक 150 कंपनियाँ केंद्र की तरफ से और 150 कंपनियाँ राज्य सरकार की तरफ से सुरक्षा के लिए तैनात की जाएँगी। वहीं, भारतीय रेलवे भी अयोध्या फ़ैसले को देखते पुख़्ता इंतज़ाम में जुट गया है। इसके लिए रेलवे पुलिस की तरफ से सात पेज की एडवाइज़री जारी की गई है। इस एडवाइजरी के तहत RPF के जवानों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। रेलवे पुलिस ने देश के 78 रेलवे स्टेशनों को अति संवेदनशील माना है, जहाँ सुरक्षा के ठोस इंतज़ाम किए जा रहे हैं। इस स्टेशन्स में दिल्ली, मुंबई, महाराष्ट्र समेत उत्तर प्रदेश के कई स्टेशन्स शामिल हैं।