शक्तिनगर-म्योरपुर ब्लाक मुख्यालय से 72किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत मिसीरा के राजस्व गाँव भैरवाँ में आवास आवंटन के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया है, व सभी नियम कानूनों को ठेंगा दिखाते हुए आवास आवंटन मे अनियमितताएं बरती गयी है,और सरकारी धन का दुरूपयोग किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि भैरवाँ गाँव में विनय कुमार पान्डेय के नाम आवास आवंटित किया गया है, और निर्माण कार्य बड़े ही जोर शोर से चल रहा है जबकि पान्डेय जी शिक्षामित्र की नौकरी छोड़ कही अन्य रोजगार में लगे हैं और उनकी पत्नी बर्तमान में शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत है
तथा दूसरा मामला- भैरवाँ में स्थित सीता देवी पत्नी स्व0 सत्यनारायन पान्डेय जी का है।जिनको को भी आवास आवंटित किया गया है ।
जबकि सीता देवी जी को उनके पति के निधन के बाद सरकार 17000रू0 पेंशन देती है,
तीसरा मामला - सीता देवी के लड़के प्रमोद को आवास आवंटित करने का है।
माँ और बेटे को एक साथ लाभ
ग्रामप्रधान और सचिव की मेहरबानी से अपात्रों को पात्र बना दिया गया है।
यदि सूत्रों पर भरोसा करें तो 25-25 हजार रुपये आवास आवंटन में लिया गया है।वरना गांव में पात्र लोग जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और एक छत के लिए मोहताज है उन्हें चयनित नही किया गया है।
फिर सवाल उठता है कि उन्हें कैसे आवास प्राप्त हुआ, जहा एक तरफ उसी गाँव में प्लास्टिक के तिरपाल के नीचे रहने को मजबूर हैं एक गरीब परिवार सब की नजरों में दिख रहा है, वही प्रधान जी व सचिव की मेहरबानी की गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है।
इन्हें अपने करीबीयों को ले कर,शासन व प्रशासन का भी भय नही है। कहते हैं कि प्रधान जी विभागीय अधिकारियो को मैनेज करने की कला में माहिर हैं।
दरसल यह प्रधान जी बिगत चार वर्षों से लगातार इसी तरह वेख़ौफ़ सभी विभागीय पदाधिकारियों को साध उनके साथ साठ गांठ कर मनमानी करते हुए भ्र्ष्टाचार की पराकाष्ठा पार कर गए है।
प्रधान जी की तानाशाही ही है कि गरीबों को आवास का लाभ न देकर सरकारी नुमाइंदो को व्यक्तिगत लाभ पहूँचा रहे हैं।
गांव वालों ने कभी किसी ने इसके विरोध में आवाज तक नहीं उठायी, जिससे उनकी मनमानी निरंतर जारी है।जो जाँच कराने पर सच सामने आ जायेगा और दूध का दूध-पानी का पानी साफ हो जाएगा और विगत चार वर्षों में हुए आवास ,शौचालयों, निर्माण कार्य मे किये गए लाखो का घोटाला भी सामने आजायेग।
आवास और शौचालय आवंटन के नाम पर पंचायत में बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है ।जिसमें उपर से नीचे तक फिर चाहे व सेक्रेटरी हो या प्रधान या जेई0 सभी की भूमिका सवालों के घेरे में है।
किसी ने भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई होती तो आज नतीजा कुछ और ही रहता बहरहाल यह तो जाँच का विषय है।
एक तरफ पीएम मोदी का सपना है कि 2022 तक सभी गरीबों का अपना पक्का मकान हो, सीएम योगी इस आदेश को जमीन पर सजाने में लगे हैं,
वही दूसरी ओर सीएम योगी के ग्राम प्रधान जी सीएम के आदेशों को चुनौती देते उसका मख़ौल उड़ाते धज्जियां उड़ा रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों ने पंचायती राज विभाग व जिलाधिकारी सोनभद्र का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल उचित कार्यवाही सुनिश्चित कराने की मांग की है।