दुद्धी शुक्रवार को कस्बे के प्राचीन शिवाजी तालाब पर भारी संख्या में छठ व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठघाट पर पहुंची ।
शुक्रवार को छठपूजा का दूसरे दिन खरना को कस्बे व आसपास के क्षेत्रों में भी छठव्रती महिलाएं अपने घरों से तालाबों नदियों की बढ़ने लगी ।कस्बे के प्राचीन शिवाजी तालाब, मल्देवा स्थित कैलाश कुञ्ज द्वार ,धनौरा लकड़ा बंधा,जाबर शिव मंदिर,पिपरडीह,बीडर लौवा नदी तट पर,खजुरी शिव मंदिर आदि स्थानों पर शुक्रवार खरना के दिन उपासना में प्रयोग में लायी जाने वाले पूजा सामाग्री के साथ घाटों पर भारी संख्या में छठव्रती पहुँची।शाम 3 बजे से घाटों पर जाने का सिलसिला जो शुरू हुआ शाम 5 बजे तक चला ।जैसे जैसे दिन चढ़ते गये देखते ही देखते पूजा घाट पर व्रती महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी ।सूर्य अस्त से पहले व्रतियों ने छठ मइया और सूर्य भगवान का उपासना किया । तत्पश्चात।
डूबते सूर्य को छठ व्रतियों ने पहला अर्घ्य दिया।उसके बाद छठ घाटों से अपने घर की ओर धीरे धीरे छठ व्रती वापस हुई।घर पर मिट्टी के चूल्हे व आम के लकड़ी पर बने चावल व गुड़ का खीर बनाकर व्रतियों ने ग्रहण किया ।मान्यता के अनुसार इस दिन अन्न व जल ग्रहण किये बिना उपवास किया जाता है