*सतना । म प्र घर से बुलाकर शराब पिलाने के बाद मौत की नींद सुलाने वाले तीन आरोपियों को अमरपाटन न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा व आठ आठ हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
लोक अभियोजक उमेश शर्मा से मिली जानकारी के अनुसार अमरपाटन थाना के चोरखरी गांव निवासी राजाराम कोल पिता गिरधारी कोल उम्र लगभग 25 वर्ष से गांव के मिथिलेश कोल उर्फ मिथुन पिता समय लाल कोल उम्र 19वर्ष हरीदीन साकेत पिता धीनू साकेत उम्र 35वर्ष वीरू उर्फ़ नीलेश कोल पिता लवलीन कोल उम्र 22 वर्ष तीनों निवासी चोरखरी इस लिए ईर्ष्या रख रहे थे की आरोपी मिथुन कोल को मृतक सुखेंद्र कोल अपने चचेरी बहन के घर घुसा पाया था तो मिथुन को फटकार लगा दिया था जिससे आरोपी गणों ने धमकी दिया था और घटना दिनांक 27 अप्रैल 2018 को शाम को अभियुक्त गणों ने मृतक राजाराम कोल उर्फ सुखेन्द्र घर से बुलाकर एक धागे में जाकर खूब शराब पिया फिर अभियुक्त वीरू कोल ने राजाराम का गला दबा लिया आरोपी हरी गीत एक पत्थर उठाकर उसके ऊपर पटक दिया तो मिथुन ने डागी से सिर में प्रहार कर हत्या कर दिया तीन आरोपियों को जव यह आभास हुआ की सुखेंद्र की मौत हो गई है तो उसे दुर्घटना का रूप देने के लिए ना केवल हत्या में उपयोग किए गए औजारों को छुपा दिया बल्कि शव को सड़क में फेंक कर यह बताने का प्रयास किया कि दुर्घटना में सुखेन्द्र की मौत हुई है लेकिन आरोपी चाहे कितना भी शातिर क्यों ना हो अपराध का कोई ना कोई सुराग अवश्य छोड़ देता है इस मामले में भी आरोपियों ने दत्तक को घर से बुलाकर धागे में शराब पिलाकर साक्ष्य को छोड़ दिया तीनों आरोपी यहीं से पकड़े गए। लोक अभियोजक उमेश शर्मा से मिली जानकारी के अनुसार 27 अप्रैल 18 को चोरखरी गांव में कपुरी गांव से बारात आई हुई थी जहां के बुलावे पर राजाराम का पिता गिरधारी कोल कार्यक्रम में शामिल होने गया था कार्यक्रम चल ही रहा था कि चर्चा की जा रही थी की छैरहा तालाब के ऊपर बीच सड़क में एक व्यक्ति मृत पड़ा हुआ है जिसे देखने के लिए गिरधारी घटनास्थल पहुंचना तो तो मृतक कोई और नहीं बल्कि उसका पुत्र राजाराम कोल उर्फ सुखेन्द्र निकला जिसकी शिकायत अमरपाटन थाना में दर्ज कराई पुलिस ने विवेचना के पश्चात तीनों आरोपियों के विरुद्ध हत्या की धारा 302 सहपाठी धारा 34 साक्ष्य छुपाने की धारा 201 भादवि पंजीबद्ध कर सुनवाई के लिए प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अमरपाटन न्यायालय में पेश किया गया जहां विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार शर्मा ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद तीनों आरोपियों को हत्या व अपराध को छुपाने की धारा का दोषी माना है जिसके कारण तीनों आरोपी मिथिलेश उर्फ मिथुन को हत्या की धारा 302 साहिब पठित धारा 34 के अपराध में आजीवन कारावास व ₹5000 का अर्थदंड धारा 201 के अपराध में 7 वर्ष का कठोर कारावास ₹3000 का अर्थदंड हरीदिन साकेत को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास 5000 का अर्थदंड धारा 201 के अपराध में 7 वर्ष का कारावास 3000 का भजन वीरू और नीलेश कोल को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास 5000 का अर्थ सर छुपाने की धारा 201 का अपराध साबित होने और 7 वर्ष का कठोर कारावास ₹3000 का रिजल्ट से दंडित किया गया है तीनों आरोपियों को अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर 3 मार्च के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा से दंडित करने का फैसला सुनाया है।