संवाददाता सुभाष पांडे सोनभद्र : जनपद सोनभद्र में पूरे धूमधाम के साथ छठ का पर्व मनाया गया जनपद सोनभद्र में जगह-जगह यह पर्व मनाते देखा गया है छठ व्रती महिलाएं उगते हुए सूरज को अर्घ देकर अपने पुत्र के दीर्घायु होने की भगवान भास्कर से मन्नतें मांगी है वही छठ व्रती महिलाओं ने पूरे गाजे-बाजे के साथ धूम धड़ाका से छठ घाट पर पहुंची और डूबते हुए सूर्य को अर्घ देने के बाद रात भर पानी में खड़ी रही रात भर पानी में खड़े रहने के बाद सुबह निकलते भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया है और अपने घर परिवार पुत्र पर सुखचैन एवं अमन शांति की दुआएं मांगी सोनभद्र के रावटसगंज चोपन ओबरा रेनुकूट अनपरा शक्तिनगर बीना बीजपुर बभनी म्योरपुर दुद्धी विंढमगंज कोन कचनारवा घोरावल रामगढ़ पन्नूगंज खलियारी सहित तमाम क्षेत्रों में बड़े ही धूमधाम से छठ का पर्व मनाया गया है जनपद के कुछ ऐसे जगह है जहां पर पहली बार या दूसरी बार छठ का पर्व मनाया गया और पूरे धूम-धड़ाके के साथ छठ व्रतियों ने छठ का शुभारंभ किया है इसी तरह का एक मामला जिला मुख्यालय स्थित ग्राम पंचायत पेटाराही के गोरारी गांव में देखने को मिला है गोरारी तालाब पर इस साल दूसरी बार छठ पूरे धूम-धड़ाके के साथ मनाई गई है यह छठ का पर्व छठ या षष्ठी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी मनाया जाने वाला एक हिंदू पर्व है सूर्योपासना का यह अनुपम लोक पर्व मुख्य रूप से बिहार झारखंड पूर्वी उत्तर प्रदेश नेपाल के तराई वाले क्षेत्रों में मनाया जाता है वही छठ का पर्व बिहारियों का सबसे बड़ा पर्व है उनकी संस्कृति का एक हिस्सा भी है यह पर्व बिहार में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और उसके साथ-साथ बिहार और झारखंड से सटे उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों में भी इसका असर काफी तेज सदियों से रहा है यह छठ का पर्व सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे भारत का पर्व है जो वैदिक काल से चला आ रहा है और यह आज के समय में बिहार की संस्कृति भी बन चुका है इस पर्व का उद्देश्य सर्व कामना पूर्ति अनुष्ठान सूर्योपासना निर्जला व्रत तिथि दिवाली के छठे दिन समापन पर्व ललही छठ चैत छठ के रूप में मनाई जाती है बिहार से शुरू हुई यह पर्व भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में विख्यात हो गया है !
उगते सूर्य को छठ व्रती महिलाओं ने दिया अर्घ्य भगवान भास्कर के लगे जयकारे
संवाददाता सुभाष पांडे सोनभद्र : जनपद सोनभद्र में पूरे धूमधाम के साथ छठ का पर्व मनाया गया जनपद सोनभद्र में जगह-जगह यह पर्व मनाते देखा गया है छठ व्रती महिलाएं उगते हुए सूरज को अर्घ देकर अपने पुत्र के दीर्घायु होने की भगवान भास्कर से मन्नतें मांगी है वही छठ व्रती महिलाओं ने पूरे गाजे-बाजे के साथ धूम धड़ाका से छठ घाट पर पहुंची और डूबते हुए सूर्य को अर्घ देने के बाद रात भर पानी में खड़ी रही रात भर पानी में खड़े रहने के बाद सुबह निकलते भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया है और अपने घर परिवार पुत्र पर सुखचैन एवं अमन शांति की दुआएं मांगी सोनभद्र के रावटसगंज चोपन ओबरा रेनुकूट अनपरा शक्तिनगर बीना बीजपुर बभनी म्योरपुर दुद्धी विंढमगंज कोन कचनारवा घोरावल रामगढ़ पन्नूगंज खलियारी सहित तमाम क्षेत्रों में बड़े ही धूमधाम से छठ का पर्व मनाया गया है जनपद के कुछ ऐसे जगह है जहां पर पहली बार या दूसरी बार छठ का पर्व मनाया गया और पूरे धूम-धड़ाके के साथ छठ व्रतियों ने छठ का शुभारंभ किया है इसी तरह का एक मामला जिला मुख्यालय स्थित ग्राम पंचायत पेटाराही के गोरारी गांव में देखने को मिला है गोरारी तालाब पर इस साल दूसरी बार छठ पूरे धूम-धड़ाके के साथ मनाई गई है यह छठ का पर्व छठ या षष्ठी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी मनाया जाने वाला एक हिंदू पर्व है सूर्योपासना का यह अनुपम लोक पर्व मुख्य रूप से बिहार झारखंड पूर्वी उत्तर प्रदेश नेपाल के तराई वाले क्षेत्रों में मनाया जाता है वही छठ का पर्व बिहारियों का सबसे बड़ा पर्व है उनकी संस्कृति का एक हिस्सा भी है यह पर्व बिहार में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और उसके साथ-साथ बिहार और झारखंड से सटे उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों में भी इसका असर काफी तेज सदियों से रहा है यह छठ का पर्व सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे भारत का पर्व है जो वैदिक काल से चला आ रहा है और यह आज के समय में बिहार की संस्कृति भी बन चुका है इस पर्व का उद्देश्य सर्व कामना पूर्ति अनुष्ठान सूर्योपासना निर्जला व्रत तिथि दिवाली के छठे दिन समापन पर्व ललही छठ चैत छठ के रूप में मनाई जाती है बिहार से शुरू हुई यह पर्व भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में विख्यात हो गया है !