एनसीएल की कोयला खदानो हेतु किये गये भूमि अधिग्रहण मे भूमि एवं भवन के अधिग्रहण से विस्थापितो एवं उनसे सम्बन्धित परियोजना प्रभावित सदस्यो को एनसीएल मे संचालित संविदा कार्य जिसमे अधिभार के खनन व अभिवहन का कार्य भी सम्मिलित है मे विस्थापित आदिवासियो को रोजगार न दिये जाने के मामले मे अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार ने नाराजगी जताते हुये सीएमडी, एनसीएल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है तथा समुचित जवाब मांगा है और निर्धारित समयावधि मे जवाब प्राप्त न होने पर व्यक्तिगत् उपस्थित होने हेतु सम्मन् जारी करने की चेतावनी दी है। विस्थापित नेता अंकुश कुमार दुबे ने मास अगस्त मे अध्यक्ष, अनुसूचित जनजाति आयोग को एनसीएल की बीना-ककरी अमलगमेशन ओपेन कास्ट परियोजना हेतु किये गये भूमि अधिग्रहण से प्रभावित आदिवासीयो को एनसीएल की परियोजना मे संचालित संविदा कार्य जहा हाई पावर कमेटी द्वारा संस्तुत मजदुरी दर देय है मे रोजगार न दिये जाने से विस्थापित आदिवासियो व उनसे सम्बन्धित परियोजना प्रभावित सदस्यो के समक्ष आजिविका के संकट तथा हो रहे ऐतेहासिक अन्याय के प्रकरण पर आवश्यक हस्तक्षेप किये जाने बाबत 119 पन्नो की विस्तृत शिकायती पत्र प्रेषित किया था जिसके क्रम मे एसटी कमीशन ने नोटिस जारी कर यह कार्यवाही की है। अंकुश दुबे ने बताया कि एनसीएल व संविदा कम्पनियो, फर्मो, ठेकेदारो के मध्य संपादित होने वाली एनआईटी(समझौते) मे स्पष्ट प्राविधान है कि ठेकेदार पुर्नवास-पुर्नव्यवस्थापन नीति के प्रावधिनानुसार परियोजना प्रभावित सदस्यो को रोजगार उपलब्ध करायेगा तथा कोल इण्डिया की पुर्नवास-पुर्नव्यवस्थापन नीति-2012 मे प्राविधान है कि ठेकेदार प्राथमिकता के आधार पर विस्थापितो से सम्बन्धित परियोजना प्रभावित सदस्यो को रोजगार उपलब्ध करायेगा परन्तु एनसीएल प्रबंधन व जिला प्रशासन की लापरवाही व ढुल-मुल रवैये के के वजह से विस्थापितो को रोजगार नही मिलता है तथा विस्थापितो के हिस्से के रोजगार का व्यापार किया जाता है व वर्ष 2017 से ही मांग की जा रही है कि विस्थापितो को संविदा कार्यो मे रोजगार दिया जाये तथा रोजगार उपलब्ध कराने की प्रक्रिया मे एनसीएल प्रबन्धन के अतिरिक्त किसी की कोई भूमिका न हो, ऐसे मे अब एसटी कमीशन द्वारा जवाब-तलब् किये जाने के बाद विस्थापितो के रोजगार की लडाई को एक नया बल मिला है तथा इसे मंजिल तक पहुंचाने के लिये सडक पर संघर्ष जारी किया जायेगा।
विस्थापितों को रोजगार ना दिए जाने के मामले में अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार ने सीएमडी एनसीएल से किया जवाब तलब
एनसीएल की कोयला खदानो हेतु किये गये भूमि अधिग्रहण मे भूमि एवं भवन के अधिग्रहण से विस्थापितो एवं उनसे सम्बन्धित परियोजना प्रभावित सदस्यो को एनसीएल मे संचालित संविदा कार्य जिसमे अधिभार के खनन व अभिवहन का कार्य भी सम्मिलित है मे विस्थापित आदिवासियो को रोजगार न दिये जाने के मामले मे अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार ने नाराजगी जताते हुये सीएमडी, एनसीएल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है तथा समुचित जवाब मांगा है और निर्धारित समयावधि मे जवाब प्राप्त न होने पर व्यक्तिगत् उपस्थित होने हेतु सम्मन् जारी करने की चेतावनी दी है। विस्थापित नेता अंकुश कुमार दुबे ने मास अगस्त मे अध्यक्ष, अनुसूचित जनजाति आयोग को एनसीएल की बीना-ककरी अमलगमेशन ओपेन कास्ट परियोजना हेतु किये गये भूमि अधिग्रहण से प्रभावित आदिवासीयो को एनसीएल की परियोजना मे संचालित संविदा कार्य जहा हाई पावर कमेटी द्वारा संस्तुत मजदुरी दर देय है मे रोजगार न दिये जाने से विस्थापित आदिवासियो व उनसे सम्बन्धित परियोजना प्रभावित सदस्यो के समक्ष आजिविका के संकट तथा हो रहे ऐतेहासिक अन्याय के प्रकरण पर आवश्यक हस्तक्षेप किये जाने बाबत 119 पन्नो की विस्तृत शिकायती पत्र प्रेषित किया था जिसके क्रम मे एसटी कमीशन ने नोटिस जारी कर यह कार्यवाही की है। अंकुश दुबे ने बताया कि एनसीएल व संविदा कम्पनियो, फर्मो, ठेकेदारो के मध्य संपादित होने वाली एनआईटी(समझौते) मे स्पष्ट प्राविधान है कि ठेकेदार पुर्नवास-पुर्नव्यवस्थापन नीति के प्रावधिनानुसार परियोजना प्रभावित सदस्यो को रोजगार उपलब्ध करायेगा तथा कोल इण्डिया की पुर्नवास-पुर्नव्यवस्थापन नीति-2012 मे प्राविधान है कि ठेकेदार प्राथमिकता के आधार पर विस्थापितो से सम्बन्धित परियोजना प्रभावित सदस्यो को रोजगार उपलब्ध करायेगा परन्तु एनसीएल प्रबंधन व जिला प्रशासन की लापरवाही व ढुल-मुल रवैये के के वजह से विस्थापितो को रोजगार नही मिलता है तथा विस्थापितो के हिस्से के रोजगार का व्यापार किया जाता है व वर्ष 2017 से ही मांग की जा रही है कि विस्थापितो को संविदा कार्यो मे रोजगार दिया जाये तथा रोजगार उपलब्ध कराने की प्रक्रिया मे एनसीएल प्रबन्धन के अतिरिक्त किसी की कोई भूमिका न हो, ऐसे मे अब एसटी कमीशन द्वारा जवाब-तलब् किये जाने के बाद विस्थापितो के रोजगार की लडाई को एक नया बल मिला है तथा इसे मंजिल तक पहुंचाने के लिये सडक पर संघर्ष जारी किया जायेगा।