बदायूँ अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से गंगा तट पर आरती के बाद दीपदान किया गया। जय जय गंगे भाई की, हिम्मत करो सफाई की के जयघोष से गंगा तट गुंजायमान रहा।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि गंगा जी के समान तीर्थ नहीं है। गंगा भारत भूमि की सर्व प्रधान रक्त धमिनी है। गंगा की निर्मलधारा में जाकर अपवित्र जल भी पवित्र हो जाता है। जैसे सूर्य उदय काल में अंधकार को विदरण करके प्रकाशित होते हैं। उसी प्रकार गंगा जल में स्नान करने वाला मुनष्य अपने पापों को नष्ट करके सुशोभित होता है।
उन्होंने बताया कि अबुल फजल ने अपने ग्रन्थ ‘ आईने अकबरी ‘ में लिखा है। अकबरी को गंगा जल से भारी प्रेम था। उन्हें नित्य गंगा जल मिलता रहे। इसके लिए उन्होंने 20 व्यक्तियों का दल नियुक्त किया। जब बादशाह आगरा या फतेहपुर सीकरी रहते हैं, तब गंगा जल सोरों से आता है और जब वे पंजाब जाते हैं, तब हरिद्वार से आता था।
गायत्री परिजनों ने मां गंगा की आरती कर दीपदान किया। इस मौके पर मृत्युंजय, पवन, पंकज, सौम्या, दीप्ति, हेमंत आदि मौजूद रहे।
रहेलखंड का सुप्रसिद्ध मिनी कुंभ मेला ककोड़ा तम्बुओं की तीर्थ नगरी में जगमगाहट शुरू हो गई है। झंडी पहुंचने के साथ ही मेला शुरू हो गया है। श्रद्धालु आस्था, श्रद्धा और भक्ति के साथ पहंुचने लगे हैं। गंगा मईया को नमन वंदन करने के साथ डूबकी लगा रहे हैं। सूर्य भगवान की उपासना, अघ्र्यदान और दीपदान कर रहे हैं। मनोकामना पूर्ण होने पर बोला वदा प्रसाद चढ़ा रहे हैं। तम्बुओं की तीर्थ नगरी में श्रद्धालुओं द्वारा बच्चों के संस्कार भी कराए जाने लगे हैं। मेले का मुख्य द्वार बनना शुरू हो गया है। अभी मेले में मुख्य मार्गों के मध्य मूत्रालय नहीं बनाएं गए हैं। बीआईपी एरिया और मेले में मुख्य स्थानों पर बनें टैंटों के नजदीक ही शौचालयों को बनाया गया है। दो एक स्थान पर सामूहिक शौचालय बनाए गए है। गंगा तटों पर मोबाइल शौचालए खड़े किए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर मेले में पीएसी के जवानों की तैनाती की गई है। कावेरी 8वीं वाहिनी पीएसी बरेली के मुख्य आरक्षी बसंत बहादुर थापा के साथ मेले में पीएसी के 40 जवान, 4 मोटर वोट और दो गाड़ियों मेले में गंगा तट पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर तैनात रहेंगी। ठेकेदार सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि मेले में पेयजल व्यवस्था को लेकर 500 नल लगने हैं जिनमें अभी 250 नल लग चुके हैं।
मेले में बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले आ चुके हैं। झूला स्वामी ने बताया कि मेले में बच्चों के लिए आकर्षक झूला ड्रेगन, सलम्बो, नाव, ब्रेक डांस, सर्कस, मारूती कार वाला मौत का कुंआ के अलावा मेले की रौनक बढ़ानें वाले दो बड़े चरखे भी लगाए जा रहे हैं।
गंगा तट पर श्रद्धालु अपने ईष्ट और पूर्वजों के नाम की भगत बजवाकर लोकमंगल की कामना कर रहे हैं। गंगा में तेज बहाव और कटान को देखते हुए अभी तक बल्लियां गाड़ कर रस्सी से बैरिकेटिंग नहीं की गई। मुख्य गंगा तट को सुसज्जित नहीं किया गया है। मिट्टी डालकर मुख्य गंगा तट पर गहराई भी कम नहीं की गई। गंगा स्नान करते समय श्रद्धालु सावधानी बरतें। गहराई का कोई संकेत चिन्ह भी नहीं बनाया गया है। गंगा किनारे दो स्नानघर बनें हैं। प्रदेश भर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के बाद कपड़े बदलने में दिक्कतें आ रहीं हैं। बीआईपी, शासनिक और प्रशासनिक अधिकारी वाले मुख्य मार्ग से इस बार गंगा तट की दूरी ज्यादा है।
मेले में दुकानदार पहुंचने के साथ ही अपनी दुकानों के निर्माण में लगे हैं। मीना बाजार में सामान उतारने के साथ ही लगाना शुरू कर दिया गया है। चाट पकौड़े के साथ पूड़ी, चावल भी बिक रहे हैं। चूल्हा, पुआल और अन्य सामान भी आ चुका है।
मेले में फायर सर्विस स्टेशन बनाया गया है। जिससे मेले में अग्निकांडों जैसी घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा। फायरमैन इकरालुहक ने बताया कि प्रभारी पूरन लाल सोलंकी के नेतृत्व में मुख्य स्टेशन रहेगा। जबकि बीआईपी एरिया में रामौतार और बरेली मेले की तरफ वहीद खां को तैनात किया गया है।