बुंदेलखंड के कर्म योगी संतोष गंगेले ने लाखो बच्चों और भारतीय संस्कृत बचाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया


 भोपाल मध्य प्रदेश के समाज सुधारक ,भारतीय संस्कृति के रक्षक , समाज को जीवन समर्पित करने वाले बुंदेलखंड के छतरपुर जिला के एक ऐसे कर्मयोगी साहित्य पत्रकारिता और  समाज सेवा के प्रेरक श्री – संतोष कुमार गंगेले- जिनका जन्म 11 दिसम्बर सन् 1956 को मध्य प्रदेश के छोटे से ग्राम बीरपुरा में किसान – श्री प्यारे लाल गंगेले [संत /बाबा श्री हरिहर महाराज ]-माता – श्रीमती सुमित्रा देवी के घर हुआ। इस कर्मयोगी प्रतिभा के धनी सामाजिक नागरिक ने अपनी -जन्म स्थान – ग्राम बीरपुरा पो0 नौगाव (बुन्देलखण्ड) थाना नौगाव जिला छतरपुर मध्य प्रदेष पिन कोड -471201 है। में बिषम कठिनाइयों में अपनी – शिक्षा- बी.ए.तक बापू महाविद्यालय नौगाव जिला छतरपुर मध्य प्रदेश में ग्रहण की। इनका बिबाह – 1985 में सीमावर्ती महोबा जिले के ग्राम जगतपुर थाना जिला की श्रीमती प्रभा देवी एक गरीब व आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवार में में हुआ ,बिना दहेज़ शादी कर समाज को सन्देश दिया गया था। इनकी धर्म पत्नी ने चार संतान दो पुत्र कुलदीप , राजदीप दो पुत्रियाँ- मंदाकनी -अभिलाषा को जन्म देकर अल्प समय में बीमारी के चलते 20 अक्टूबर 1993 में मृत्यु हो गई। बच्चो के पालन पोषण में भारी दिक्कत होने पर 14 दिसम्बर 1993 में दूसरी शादी कर पत्नी रंजना देवी की एक संतान- रत्नदीप के पिता बने। इनके – भाई बहन – राजेन्द्र कुमार गंगेले-अधिबक्ता, सुरेश गंगेले सहित्यकार, लेखक, पत्रकार , कैलाश [मानसिक रोगी ] बहन – गीता , गृहणी है। इनके पिता जी-संघर्ष पूर्ण चुनोतियो के साथ सामान्य किसान जीवन के बाद संत हुये , संत होने के बाद , मेरी माँ के साथ भारत का भ्रमण किया । श्रीराम चरित मानस का बिषेष ज्ञान रखते थें, तथा भविष्य बक्ता रहे । संत हो जाने के बाद उन्होने समाज में भारतीय संस्कृति के माध्यम से समाज सेवा की, बाल्यमीक जी की तरह उनका जीवन रहा है । इस कर्मयोगी को गूगल google sarch में लाखों दर्शक देख चुकें है।  आप भी गूगल सर्च इंजन में संतोष गंगेले समाजसेवी लिखकर खोजे , पढ़े फिर इनके बारे में सहयोग करें।  मिडिया साथिओ का सहयोग भी नहीं भुलाया जा सकता है।
कर्मयोगी श्री संतोष गंगेले का बचपन- बहुत ही कठिन परिस्थितिओ से गुजरता हुआ रहा । क्यों कि पिता जी के संत हो जाने के बाद अपने छोटे भाईयों व बहन का पालन पोषण का कार्य उन्ही के कंधों पर था , इसलिए उन्होंने ईश्वर की कृपा से अपने जीवन को कर्मयोग के रूपमें स्वीकार करते हुये कठिन से कठिन कार्य करते हुये भाई बहनों का मुशिबतों से दूर रखा, उनका पालन पोषण किया तथा उनकी षिक्षा पर ध्यान देकर उन्हे सक्षम बनाया । परिवार की माली हालत ठीक न होने के कारण एक समय व्यापारियों के यहाँ कार्य किया एक समय अध्ययन स्वयं किया , सत्य को साथ रखा ईमानदारी को मित्र बनाया , सफलता साथ चली अपने मुकाम तक पहुचने में मुझे सत्य व ईमानदारी को मित्र बना कर अपने कुछ अपने साथियो की मदद से -परिवारिक समस्याओं को दूर करने केलिए भारत सरकार की आर्मी एमईएस में 1977 में चैकीदार बन कर परिवार का संचालन किया। उसके बाद मैने 1979 में दिल्ली जाकर एक साल तक मजदूरी का कार्य किया, दिल्ली से वापिस बीरपुरा आकर चाय पान की दुकान नौगांव में खोलकर हायर सेकेण्ड्री कीप्राइवेट परीक्षा उत्तीर्ण करते हुये बी0ए0 में प्रवेष लिया । मध्य प्रदेश हिंदी टाइपिंग बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ ही बी0ए0 फाइनल हो जाने के बाद एल.एल.वी. में 1985 प्रवेश लिया था.लेकिन आगे की शिक्षा नहीं हो सकी।
श्री संतोष गंगेले ने पहलीवार राजनैतिक – छात्र नेता के रूप में- हायरसेकेण्ड्री की परीक्षा के दौरान छात्र नेता के रूपमें पहली बार 1979 में छात्र संघ का सचिव बना , मंच का कलाकार बनने के शौक ने उनको रंगमंच पर भी अवसर मिला जिसमें वह सफल रहे । जिला , संभाग, एवं बुन्देलखण्ड स्तर के पत्रकार सम्मेलन कराने का भी अवसर मिला है । बापू महाविद्यालय नौगांव में आने सामाजिक कार्यो में सहभागिता का निर्वाहन किया ।
उन्होंने -पत्रकारिता में प्रवेश- सन् 1981 में छतरपुर से प्रकाशित दैनिक राष्ट्र-भ्रमण समाचार पत्र का पहली बार संवाददाता नियुक्त हुआ । उसके बाद मुझे पत्रकारिता में इतनी रूचि हुइ कि मैं छतरपुर के साथ साथ सतना, भोपाल, रीवा , ग्वालियर, सागर, झाॅसी , कानपुर ,दिल्ली आदि शहरो के राष्ट्रीय समाचार पत्रों में लिखने लगा । पत्रकारिता के क्षेत्र में ख्याती प्राप्त हो जाने के कारण समाज सेवा एवं राजनैतिक क्षेत्र में पहुॅच हुई । अनेक लेख,कवितायें , कहानी भी लिखने का शौक रहा । जीवन में उतार -चढ़ाव के साथ सामाजिक कार्यो में अपने जीवन को समाजहित में कार्य करते आ रहा है।
सन् 2004 से कम्प्यूटर का अनुभव लेकर, इंटरनेट पर अपनी पहचान बना सका हॅू । मेरी तस्वीरो एवं नेट पोर्टल के माध्यम से अनेक बेब साईटों पर लेखक का करते है । आप उनके बारे में गॅूगल में लिखे- santosh gangele –
उनके portal -www.ganeshshankarsamacharsewa.in देश के अनेक बेव पोर्टलों में लेखन का कार्य करते है । जिसमे -www.mpmirror.com www. Ajmernama.com. http://www.liveaaryaavart.com/, www.rainbonews.in-and other wew..में कार्य किया है।
श्री संतोष गंगेले ने अपने कर्म के व्दारा भाग्य बदलने का लगातार प्रयास जारी रखा, छतरपुर जिला कलेक्टर श्री होशियार सिंह जी ने रोजगार केलिए तहसील में प्राइवेट याचिका लेखक के रूपमें 1983 में नियुक्त किया । रोजगार के साधन जुट जाने के बाद उनके विकाश की गति बढ़ती गई । पत्रकारिता समाज सेवा लेखक के साथ साथ षिक्षा ग्रहण करते हुये सन् 1984 में बी0ए0 फाईनल किया ।इसी बर्ष दस्तावेज लेखक की अनुज्ञप्ति मिली। 21 फरबरी सन् 1985 में विवाह संस्कार हुआ । इस आयोजन में रिष्तेदारों के अतिरिक्त समाजसेवी, अधिकारी, नेता, पत्रकारों ने उनका साथ दिया ।
-सुख दुःख की यात्रा के बीच सन् 1993 में मेरी धर्म पत्नी का निधन हो गया । ईष्वरी कृपा से दो माह के अंदर ही दूसरा विवाह 14 दिसमबर 1993 को एक गरीव किसान परिवार में हुआ । उनकी दूसरी धर्म पत्नी ने बो इतिहास रचा जो आज तक लाखों में कोई एक भारतीय महिला ही रच सकती है , पहली पत्नी के चार बच्चों का पालन पोषण हो जाने के बाद उनकी इच्छा से एक पुत्र को जन्म देकर , नसबंदी करा दी । सभी बच्चों का पालन पोषण इस प्रकार किया कि कोई माँ अपने निजी पुत्रों की नही कर सकती थी । श्रीमती रंजना देवी अपने पास नातिन कुमारी आल्या दिक्षित को रख कर उसका पालन कर नारी के गौरव को स्थापित कर रही है। उनका भारतीय नारी गौरव से सम्मान भी हो चूका है यहीं उनके पुण्य प्रताप थें । यही ईष्वर भक्ति है ।
श्री संतोष गंगेले दहेज़ विरोधी रहे इसी कारण उन्होंने अपने पुत्र राजदीप गंगेले का बिबाह 17 फरबरी 2016 को ग्राम आलीपुरा जिला छतरपुर में एक सामान्य साधारण शिक्षित परिवार की कन्या से करते हुए समाज को बिना दहेज़ बिबाह करने संदेश दिया।
वह अपनी प्रगति को भगवान श्री कामता नाथ चित्रकूट व भगवान श्री राम राजा सरकार श्री ओरछा बालों की कृपा से मानकर ही सामाजिक कार्य करते है। वह मानते है की उनके ऊपर दुर्जनो की संगति प्राप्त नही हुई , किसी प्रकार की नषा की आदत नही हुई ।उनका व्यवहार सत्य पर निर्धारित है । वह सत्य वचनों पर अपने जीवन संचालित करते है इसलिए कुछ लोगों को सत्य हजम नही होने के कारण उनकी बुराईयाॅ करते है । उनके जीवन की सैकड़ों ऐसी घटनायें हैं जो आज की युवा पीढ़ी केलिए एक प्रोत्साहित व प्रेरणादायी और नजीर हो सकती है ।
श्री संतोष गंगेले ने अपने जीवन में नियम व संयम का पालन किया । किसी विशेष संकट या बीमारी में मुझे सूर्य उदय के बाद उठने का अवसर मिला अन्यथा आज तक विस्तर पर सूर्य उदय नही हुआ । प्रतिदिन अध्यात्मिकता का अध्ययन ईश्वर का नाम , समाज सेवा की लगन , गरीवों पीड़ित परेषानों की मदद ही मेरी मौत को दूर भगाते आ रही है । बर्ष 1986 में जिला जज श्री एम् एस कुरैशी जी के समक्ष पत्रकार शपथ ग्रहण कर समाज सेवा के क्षेत्र में कदम रखा। बर्ष 1990 में जिला पत्रकार सम्मेलन करने के बाद बर्ष 1995 में नगर पालिका नगर भवन नौगांव में बुन्देल खंड स्तरीय पत्रकार सम्मेलन हुआ जिसमे एक सौ से अधिक पत्रकारों ,समाज सेवीनागरिको ,अधिकारियो को सम्मानित किया गया. – सन् 2004 से कम्प्यूटर का हल्का ज्ञान अर्जित करते हुए उन्होंने इंटरनेट पर अपनी पहचान बनाने में कसर नहीं छोड़ी । सन् 2007 से नौगाॅव जनपद पंचायत क्षेत्र की प्राथमिक , माध्यमिक एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में जाकर बच्चों के बीच बाल सभाओं का आयोजन कराना, प्रतिभाओं को निखारने का कार्य करता हॅू तथा शिक्षकों का सम्मान, समाज सेवा करने बालों, ईमानदार कर्मचारियों का सम्मान, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियेां पत्रकारो को सम्मान करना उनका पहला कर्तव्य है । जो पुलिस अधिकारियो / कर्मचारीओ ने उत्तम या समाज में अच्छा कार्य करते है उनका अनेकोवार सम्मान किया गया। -शहीद गणेष शंकर विद्यार्थी जी के जीवन से प्रभावित होकर गणेष ष्षंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब का गठन का संस्था का 2013 में पंजीयन कराया है । इस संस्था के माध्यम से मध्य प्रदेष के सम्पूर्ण जिला के पत्रकारों को एक मंच पर लाने एवं पत्रकारिता की गरिमा बनाये रखने, पत्रकारों की समस्याओं का हल कराने का मेरा लक्ष्य है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अप्रेल 2015 में के सम्मलेन प्रदेश के 13 संगठनों के साथ कर इतिहास बनाया।
प्रांतीय अध्यक्ष संतोष गंगेले जी ने प्रदेश भ्रमण पर निकल कर जगह -जगह संगठन के कमेटियां गठित ही। पहला गणेश शंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब मध्य प्रदेश का सम्मेलन सी फॉर होटल छतरपुर में 26 अक्टूबर 2013 को श्री आलोक चतुर्वेदी के सहयोग से हुआ जिसमे 21 सामाजिक नागरिको ,स्वतंत्रता संग्राम सेनानियो ,अधिकारियो , पत्रकारों को सम्मानित किया गया। दूसरा सम्मेलन 23 फरबरी 2014 जीरापुर राजगढ़ में हुआ। प्रांतीय सम्मलेन 26 अक्टूबर 2014 को गाँधी भवन भोपाल में आयोजित हुआ। तीसरा सम्मेलन 25 अक्टूबर 2015 को विदिशा में आयोजित किया गया। मध्य प्रदेश के मंत्री श्री रामपाल सिंह जी ने इस अवसर पर बेव साईट का शुभारंभ किया तथा प्रदेश के एक समाजसेवा के लिए सम्मानित किया। सागर ,विदिशा ,सिहोर ,इंदौर,उज्जैन ,देवास ,शाजापुर ,आगर -मालवा ,नलखेड़ा ,खिलचीपुर ,सिरोंज विदिशा गंजबासोदा ,हरदा , बंडा ,मुंगावली अशोकनगर , चंदेरी , टीकमगढ़ ,ग्वालियर ,मुरैना ,शिवपुरी ,गुना , राजगढ़ ब्यावरा ,पचोर , मंडीदीप भोपाल में 10 दिसम्बर 2015 को आयोजित किया गया। मध्य प्रदेश के पत्रकारों और आम जन की समस्याओ को लेकर प्रदेश सरकार को सैकड़ो पत्र लिख कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया।
श्री संतोष गंगेले जी का -बुंदेलखंड पत्रकार गौरव सम्मान 1 जुलाई 2014 को आजाद भवन दिल्ली में सम्मानित किया गया. . 31 मई 2015 को चंद्र लेख होटल मथुरा में प्रदेश गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। 7 मार्च 2015 को विदिशा जिला कलेक्टर ने सर्किट हॉउस में समाज सेवा के लिए सम्मानित किया गया। 5 सितंबर 2015 को गंजबासोदा विदिशा में सम्मानित किया। 12 सितम्बर 2015 को इंदौर में सम्मानित किया गया। 13 दिसम्बर 2015 को मानस भवन जबलपुर में समाज गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। राजस्थान के बसवा जिला दौसा में राष्ट्रीय पत्रकार 9 जनवरी 2017 को पत्रकारिता और देश सेवा के लिए भारत सरकार के राज्य मंत्री श्री रामदास आठवले ने सम्मानित किया तथा समाजसेवा के लिए धन्यवाद पत्र भेजा।  30 मई 2018 को उत्तर प्रदेश पत्रकार संघ द्वारा महोबा में पत्रकारिता एवं समाज सेवा सम्मान सम्मानित किया गया साथ ही छतरपुर जिला के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अनेक स्थानों पर सम्मानित किया।
अनेको बार आकाशवाणी छतरपुर से बार्ता प्रसारित हो चुकी है।प्रदेश के अनेक जिला व तहसील स्तर पर सम्मान मिला। छतरपुर जिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संघ अध्यक्ष श्री राम कृपाल चौरसिया जी व बुंदेलखंड बरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रताप सिंह [नन्हे राजा ] ने श्री संतोष गंगेले के सामाजिक कार्यो व जीवन की सराहना की है। -नगर पालिका परिषद् नौगांव सामाजिक कार्य करने और ईमानदारी से पत्रकारिता के लिए नागरिक अभिनंदन कर चुकी है। -17 फरबरी 2016 को सामाजिक समरसता सम्मान समारोह का आयोजन कर भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए पहल की जिसकी प्रशासन व जन प्रतिनिधियो ने सराहना की है। मध्य प्रदेश सरकार जन सम्पर्क विभाग से राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार नियुक्त किये जा चुके है। 
समाज सेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी स्कूलों ,प्रशिक्षण केन्द्रो ,महाविद्यालयो के 5 लाख से अधिक विधार्थीओ से व्यक्तिगत मिल कर समाज और राष्ट्र सेवा का संकल्प दिला चुके है।  लगभग 20 बर्षो से शिक्षा ,स्वास्थ्य ,स्वच्छता ,समरसता ,समाज , भारतीय संस्कृति , नशा मुक्ति ,दहेज़ एक कलंक है. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान निजी धन को खर्च कर राष्ट्र सेवा के लिए तन मन धन से समर्पित होकर समाज सेवा करते आ रहे है।  भारत निर्वाचन के लिए निजी तौर पर मतदाता जागरूकता अभियान प्रत्येक चुनाव में करते है।
समाजसेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी बुंदेलखंड के विभिन्न जिला मध्य प्रदेश में मोटर साईकिल से  1 जुलाई 2016  को अपने गृह ग्राम वीरपुरा पंचयात धर्मपुरा शासकीय माध्यमिक शाला से बुंदेलखंड क्षेत्र का दौरा करने के निर्णय को स्थानीय नेताओ और प्रशासनिक अधिकारिओ को अवगत करने हुए शुरू किया। छतरपुर , टीकमगढ़ ,पन्ना महोबा ,हमीरपुर ,झाँसी ललितपुर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में निजी वाहन से चलकर विचार गोष्ठीओ के माध्यम से लाखों बच्चो को नैतिक शिक्षा ,भारतीय संस्कृति , पर जन जाग्रति अभियान निःस्वार्थ भावना के साथशुरू किया , शिक्षण संस्थाओ के प्रतिभावान बच्चो को सम्मानित करना , उनको साहित्य सामग्री देकर सम्मानित करना। बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ अभियान ,स्वच्छ भारत अभियान ,को निजी धन से समाज सेवा ,ोा राष्ट्र प्रेम के साथ शरू किया। इस जन संपर्क को प्रिंट मिडिया और वेव साइटों पर कुछ स्थान भी मिला। बुंदेलखंड के लोक कवी ईश्वरी के जन्म ग्राम मेढ़की में उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री दर्जा श्री हरगोविंद कुशवाहा जी और मऊ रानीपुर विधायक श्री प्रागीलाल आर्य ने सम्मानित किया। 9 जनवरी 2018 को बसवा जिला दौसा राजस्थान में समाज सेवा के लिए राष्ट्रिय सम्मान मिला। भारत सरकार के राज्य मंत्री डॉ वीरेंद्र खटीक जी ने और राज्य मंत्री श्री रामदास आठवले जी ने श्री संतोष गंगेले अपने समाजसेवी के सम्मान किया. . ! श्री संतोष गंगेले को यह जूनून -भारतीय संस्कृति की रक्षा के साथ -साथ -शिक्षा ,स्वास्थ्य ,स्वच्छता ,समरसता ,समाज ,बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ ,नाश मुक्ति अभियान ,योग -आध्यात्मिकता से जीवन जीने के मन्त्र स्कूल के बच्चो को देने बाल सभाओ के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है। ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रो में गरीब व पीड़ित ,परेशान आमजन की आर्थिक और क़ानूनी मदद करते है। ग्रामीण क्षेत्रो में पीड़ित परेशानो की मदद करते है। अपने जीवन में पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर उनके परिवार के स्वर्गवासी सभी सदस्यो के नाम से बृक्षारोपड किया गया है। उनके गृह निवास व कार्यालय में उन्होंने बृक्षारोपड किया है। सामाजिक समरसता के आने उदहारण उनके जीवन के मिल सकते है। हम यही कह सकते है की ऐसे सामाजिक समाजसेवी श्री संतोष गंगेले को गाँधीवादी विचारो से जोड़ कर उनको समाज सुधारक या बुंदेलखंड के कर्मयोगी कहा जावे तो अतिश्योक्ति न होगीं। लगातार समाज सेवा करने के लिए संत महात्माओं कथावाचक प्रवचन कर्ताओं से भी समाज सुधारने के लिए अनुरोध करने में पीछे नहीं है पूरे बुंदेलखंड में जन जागरण अभियान लगातार जारी है