हेल्थ टिप्स आहार परामर्श के सी शर्मा की कलम से


 के सी शर्मा*

लगभग 40 की उम्र के पार जोड़ों में कैल्शियम पायरोफॉस्फेट डिहायड्रेट के कण जमा होने के कारण, सूजन और दर्द का अनुभव होता है जो रयूमैटिक अर्थिराइटिस (गठिया वात) कहलाता है।
इस स्थिति में, जिस खाने में प्यूरिन नामक रसायन  उपस्थित होता है उस खाने की वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिये जैसे, लाल माँस, गरिष्ठ दालें, गोभियाँ, पालक इत्यादि।
1.अन्नानास में ब्रोमेलिन नामक तत्व होता है जो कि गठिया को कम करने में  मदद करता है, अतः अन्नानास का सेवन अच्छा होगा।
2. चैरीज़ और बैरीज का सेवन भी लाभकारी होता है।
घरेलू उपाय में अजवाइन 3.का सेवन लाभकारी हो सकता है।
4.दिन भर भरपूर और पर्याप्त पानी पीना, ताकि शरीर से टॉक्सिन अधिक से अधिक बाहर हों।
5.पानी में निम्बू के साथ में पुदीने की पत्ती डाल कर या खीरे का टुकड़े के साथ में पुदीने की पत्ती डाल कर,रात भर रख कर अगले दिन भर पानी पीने से यूरिक एसिड नियंत्रित हो सकता है।
6. रिसर्च में देखा गया है कि शरीर मे आयरन अधिक होने के कारण भी गठिया का दर्द बढ़ सकता है। अतः आयरन पर नज़र रखना अच्छा होगा।
7.शक्कर खासकर फ्रुक्टोज़ (फलों से प्राप्त शर्करा) का कम सेवन लाभकारी होगा।