जाने क्या है श्रीयंत्र और कब और कैसे होता है इसका प्रयोग



रामजी पांडे / कहते हैं श्री यंत्र लक्ष्मी प्राप्ति का  लोकप्रिय यंत्र  है  इसलिए यह श्री यंत्र एक सर्वाधिक लोकप्रिय और प्रतीक यंत्र भी है श्री शब्द का मुख्य अर्थ महा त्रिपुर सुंदरी है श्री शब्द का अर्थ लक्ष्मी जी है इसको त्रैलोक्य मोहन अर्थात तीनों लोगों को सम्मोहन करने वाला यंत्र कहा गया है कहते हैं यह यंत्र सर्व रक्षा कार सर्व व्याधि निवार क और सर्व कष्ट नाशक होने के कारण सर्व प्रसिद्ध सर्वत्र साधक यंत्र माना गया है इसे हमेशा ही गंगाजल और दूध से शुद्ध करके पूजा स्थान या व्यापारिक स्थान तथा अन्य किसी भी शुद्ध स्थान पर रखा जाता है इसकी पूजा हमेशा ही पूर्व मुख की ओर को की जाती है श्रीयंत्र का सीधा मतलब है कि लक्ष्मी प्राप्ति का यंत्र है क्योंकि इससे मध्य भाग में बिंदु और छोटे-बड़े मुख्य 9 कोण से बने 43 त्रिकोण दो कमल दल नूपुर एक चतुरस 43 त्रिकोणसे निर्मित नाना उन्नत ब्रह्नग से श्रद्धा सिलेरू भी कहा गया है कहते हैं कि इसे दीपावली धनतेरस बसंत पंचमी अथवा पौष मास की सक्रांति के दिन यदि रविवार हो तो इसका निर्माण व पूजन विशेष फलदाई माना जाता है और लक्ष्मी प्राप्ति का यह उत्तम यंत्र है