*के सी शर्मा*
चार दिन तक चलने वाले छठ लोक पर्व की शुरुआत गुरुवार को नहाय-खाए के साथ हुई थी। शुक्रवार एक नवंबर को खरना के बाद दो नवंबर आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और तीन नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य के साथ पर्व का समापन होगा।
छठ व्रत करने वाले नियमों से ज्यादा बंधे होते हैं।
पहले दिन तय विधि से स्नान और एक बार भोजन करने के बाद व्रत करने वालों का बिना पानी के व्रत की शुरुआत गुरुवार से की गई।
दूसरे दिन शाम को गुड़ की खीर से पूजा करके परिवार और परिजनों के साथ प्रसाद खाने के बाद 36 घंटे का कठिन व्रत शुरू हो गया।
जिसका समापन कल रविवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर किया जाएगा।
सूर्य की उपासना का महापर्व के लिए सिंगरौली परिक्षेत्र के उर्जान्चल में इसकी खासी तैयारी की गयी है।
शुक्रवार शाम यहां की व्रती महिलाओं ने घर में विधि विधान से पूजा कर परिजनों के साथ गुड़ की खीर का प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटों का निर्जला व्रत शुरू किया।
इस अवसर पर कई लोग अपने इष्ट मित्रों के घर पहुँच कर खरना का प्रसाद ग्रहण किया।
*आज अर्घ्य को लेकर प्रशासन व्यवस्था में जुटा*
आज छठ पूजा के उपलक्ष में घाटों पर उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर पुलिस द्वारा व्यवस्था सुदृढ़ रखने हेतु जगह-जगह बैरिगेटिंग भी की गई है और घाटों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था करते हुए पैनी रखी जारही है।