आज का हिन्दू पंचांग
पं. विष्णु जोशी का राम राम जी
दिनांक 04 अक्टूबर 2019
दिन - शुक्रवार
विक्रम संवत - 2076 (गुजरात. 2075)
शक संवत -1941
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - अश्विन
पक्ष - शुक्ल
तिथि - षष्ठी सुबह 09:35 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र - ज्येष्ठा दोपहर 12:29 तक तत्पश्चात मूल
योग - सौभाग्य रात्रि 11:46 तक तत्पश्चात शोभन
राहुकाल - सुबह 10:47 से दोपहर 12:16 तक
सूर्योदय - 06:31
सूर्यास्त - 18:23
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण - तप षष्ठी (ओड़िशा), सरस्वती आवाहन - स्थापन
विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
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काम धंधे में सफलता एवं राज योग के लिए
🙏🏻 अगर काम धंधा करते समय सफलता नहीं मिलती हो या विघ्न आते हों तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी हो.. बेल के कोमल कोमल पत्तों पर लाल चन्दन लगा कर माँ जगदम्बा को अर्पण करने से .... मंत्र बोले " ॐ ह्रीं नमः । ॐ श्रीं नमः । " और थोड़ी देर बैठ कर प्रार्थना और जप करने से राज योग बनता है गुरु मंत्र का जप और कभी कभी ये प्रयोग करें नवरात्रियों में तो खास करें | देवी भागवत में वेद व्यास जी ने बताया है।*
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नवरात्रि के उपवास-व्रत न कर सकते हो तो
🙏🏻 *यदि कोई पूरे नवरात्रि के उपवास-व्रत न कर सकता हो तो सप्तमी, अष्टमी और नवमी तीन दिन उपवास करके देवी की पूजा करने से वह सम्पूर्ण नवरात्रि के उपवास के फल को प्राप्त करता है।
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सातवे दिन करें मां कालरात्रि की पूजा
महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप है कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि के सातवे दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए। इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं। मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। जीवन की हर समस्या को पलभर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती है।
➡ उपाय- सप्तमी तिथि को माता को गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाएं तथा दान भी करें। इससे दरिद्रता का नाश होता है।
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