अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मिशन जूनो के तहत 5 अगस्त 2011 को स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया था जूनो मिशन को बृहस्पति के विकास और उत्पत्ति के बारे में बेहतर ढंग से समझाने के लिए डिजाइन किया गया था स्पेसक्राफ्ट का उद्देश्य ग्रह की बाहरी और आंतरिक संरचना की जांच गुरुत्वाकर्षण और चुंबकीय क्षेत्रों के बारे में पता लगाना था जिसकी जांच में पता चला कि बृहस्पति और एक स्थिति ग्रह में लगभग 4.5 अरब साल पहले हुई एक जोरदार टक्कर की वजह से बृहस्पति की कोर का घनत्व कम हो गया और इसका विस्तार अनुमान से ज्यादा फैल गया इस टक्कर के कारण ही बृहस्पति ग्रह आज भी घूम रहा है नेचर जनरल में प्रकाशित इस अध्ययन में सिद्धांतों के हवाले से यह कहा गया है कि शुरुआत में बृहस्पति का कोर ठोस था यह एक ठोस चट्टानी और बर्फीला लग रहा था इसने सूरज के जन्म के समय निकली गैस और धूल को अपने वातावरण में समेट लिया इस अध्ययन के प्रमुख सॉन्ग फि लियू ने सबसे पहले सुझाव दिया था कि झूलों के डाटा को बृहस्पति पर पड़ने वाले एक विशाल प्रभाव से समझा जा सकता है जिसकी वजह से ठोस ग्रह ब्रहस्पति धूल और ग्रह में बदल गया शोधकर्ताओं ने अपने हजारों कंप्यूटर सिमुलेशन के माध्यम से यह समझा है कि कैसे एक टक्कर ने बृहस्पति ग्रह के कोर पर प्रभाव डाला था जिस कारण से आज भी बृहस्पति ग्रह लगातार घूम रहा है।