कोयला उत्पादन एवं प्रेषण (डिस्पैच) सहित कंपनी को दिए गए सभी लक्ष्यों की प्राप्ति में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रही भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफीलड्स लिमिटेड (एनसीएल) के निगाही कोयला क्षेत्र के महाप्रबंधक श्री एस॰ के॰ गोमस्ता का चयन कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआईएल) के निदेशक (तकनीकी) पद के लिए हुआ है। लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) ने बुधवार को श्री गोमस्ता के नाम की अनुशंसा इस पद के लिए की। एनसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री पी.के. सिन्हा एवं निदेशक मंडल सहित समस्त एनसीएल परिवार ने श्री गोमस्ता को हार्दिक बधाई दी है।
कोल इंडिया लिमिटेड की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों में ओपनकास्ट एवं अंडरग्राउंड कोल माइनिंग के क्षेत्र में 33 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाले श्री गोमस्ता रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज, रायपुर से माइनिंग ग्रेजुएट हैं। साथ ही, उन्होंने मैटेरियल मैनेजमेंट (सामग्री प्रबंधन) की पढ़ाई भी की है। एनसीएल में निगाही कोयला क्षेत्र से पहले वे कंपनी के अमलोरी, ब्लॉक-बी और झिंगुरदा कोयला क्षेत्रों के महाप्रबंधक रह चुके हैं और उनकी कार्यअवधि में इन कोयला क्षेत्रों ने उत्पादन एवं उत्पादकता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की। उनके कार्यकाल में वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान 18.48 मिलियन टन कोयला उत्पादन के साथ निगाही क्षेत्र एनसीएल का सबसे अधिक कोयला उत्पादन करने वाला कोयला क्षेत्र रहा।
अपनी अद्भुत प्रशासनिक एवं प्रबंधकीय क्षमताओं के लिए जाने जाने वाले श्री गोमस्ता ने वर्ष 2012 से 2017 के बीच बतौर महाप्रबंधक अपने कार्यकाल के दौरान एनसीएल के झिंगुरदा क्षेत्र का पुनर्निर्माण किया। इस दौरान वर्ष 2015 में क्षेत्र ने 145.5 प्रतिशत की शानदार वृद्धि के साथ 203.17 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया। उनके कार्यकाल के दौरान ही झिंगुरदा खदान ने सर्वाधिक अवधि के लिए दुर्घटना रहित रहने और दुर्घटना की सबसे कम दर रखने के लिए भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति के हाथों 02 राष्ट्रीय खान सुरक्षा पुरस्कार भी हासिल किए।
ब्लॉक-बी क्षेत्र के महाप्रबंधक रहने के दौरान क्षेत्र के 01 मिलियन टन के बड़े कोल स्टॉक को मात्र 06 माह की अवधि में समाप्त करने की उनकी सफलता को चहुंमुखी प्रशंसा मिली।
अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से कोयला उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाए जाने पर विशेष जोर देने वाले श्री गोमस्ता के अमलोरी क्षेत्र के महाप्रबंधकीय कार्यकाल के दौरान क्षेत्र ने नई तकनीकों के सहारे बॉटम सीम से कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी दर्ज की। साथ ही, इस दौरान अमलोरी एवं निगाही खदानों की सीमा में फंसे 2.5 मिलियन टन कोयले को निकालने में अहम भूमिका निभाने के लिए भी उनकी ख़ासी तारीफ हुई।
श्री गोमस्ता वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान ‘एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम’ में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस एवं स्विट्ज़रलैंड का दौरा भी कर चुके हैं।
गौरतलब है कि एनसीएल की हालिया उपलब्धियों में सहभागी रहे कंपनी के कोयला क्षेत्रों के महाप्रबंधकों का चयन अब निदेशक पद के लिए हो रहा है। पिछले कुछ समय में खड़िया क्षेत्र के महाप्रबंधक रहे श्री एम॰ के॰ प्रसाद एसईसीएल के निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना), निगाही कोयला क्षेत्र के महाप्रबंधक रहे श्री ए.के. चौधरी डब्ल्यूसीएल के निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना) और अमलोरी क्षेत्र के महाप्रबंधक रहे श्री एस.के. झा ईसीएल के निदेशक (तकनीकी/संचालन) बने हैं।