के सी शर्मा
सोनभद्र जिले के उर्जान्चल में स्थित शक्तिनगर थाना अंतर्गत एनसीएल की खड़िया परियोजना के ओ बी सेक्शन में आज सुबह लगभग 4:00 बजे भोर मे एनसीएल के सुरक्षाकर्मियों द्वारा एक कबाड़ चोरी की पिकअप चोरी के माल सहित पकड़ा है। कबाड़ चोर सुरक्षाकर्मियों से घिरता देख पिकप छोड़ कर भाग खड़े हुए। मिली जानकारी के अनुसार पकड़ी गई पिकप स्थानीय पुलिस को एनसीएल के सुरक्षा विभाग द्वारा सुपुर्द कर दिया गया है।पिकप पकड़ में आने के बाद भी कबाड़ चोर और कबाड़ माफिया अभी तक पुलिस के पकड़ से बाहर है।जिससे पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है और तरह तरह के सवाल खड़ा होना लाजमी ही हैं।
अब तो लगता है उर्जान्चल पुलिस और कबाड़ माफियाओं में पुलिस अधीक्षक सोनभद्र के "हनक" का "असर -बेअसर" हो गया है ।इसी लिए तो उनके आदेशो निर्देशो की धज्जियां उड़ाते उर्जान्चल के कबाड़ माफिया वेख़ौफ़ हो वेधड़क कोयला खदानों को खोखला करने में लगे हुए हैं।
लगातार कोयला परियोजनाओ में कबाड़ चोरों द्वारा चोरी की खबर प्रकाश में आती रहती है।लेकिन कार्यवाही के नाम पर सब जस का तस पूर्वत सिलसिला जारी है।
ज्ञात हो कि इससे पहले बीते 20 अक्टूबर को ओबी सेक्शन से दो डंफर का दो टर्मिनेशन कूलर कबाड़ चोरों द्वारा चोरी कर लिया गया था।
जिसकी कीमत लगभग दो लाख बतायी जा रही है।
इसके अलावा जिस दिन कोयला उद्योग में हड़ताल था ,उस दिन भी सीएचपी एरिया से चोरी की खबर मिली थी।इसी तरह आये दिन डीजल चोरी पकड़े जाने या चोरी होने की खबरे आती रहती है"।
लेकिन इस पर अंकुश लगने का नाम नही लेरहा है, लगता है कि यह अंतहीन सिलसिला का रूप धारण कर लिया है।
एनसीएल में कार्यरत निजी सुरक्षा एजेंसी की भूमिका भी पूरी तरह संदिध है।
दबी जुबान से लोग कहते हैं कि इनकी मिलिभगत से ही यह सब सम्भव है।
इस लिए अब लोग मांग करने लगे हैं कि निजी सुरक्षा एजेंसी को हटा पूरी कोयला खदानों को "सी आई एस एफ" के हवाले कर दिया जाए।
लोग कहते हैं कि निजी सुरक्षा एजेंसी की मिली भगत से एनसीएल जैसे कंपनी को आए दिन लाखो का चूना लगाया जा रहा है ।
एनसीएल प्रबंधन को क्या निजी सुरक्षा एजेंसी की कारगुजारी नही दिख और समझ मे आरही हैं क्या?
यदि आरही है तो फिर प्रबंधन द्वारा आखिर क्यों नही कार्यवाही की जाती हैं। आखिर इन पर प्रबन्धन की मेहरबानी के पीछे का काला सच क्या है?यह तो अभी रहश्य के घेरे में है।लेकिन इसके चलते एनसीएल प्रवंधन पर भी अंगुली उठनी शुरू हो गयी हैं।
अब देखने वाली बात यह है कि एनसीएल प्रवंधन व पुलिस इन कबाड़ चोरों व सन्दिग्ध निजी सुरक्षा एजेंसियों पर कब कार्रवाई करती हैं?
या इसी तरह कबाड़ चोरी का सिलसिला चलता ही रहेगा ।
पकड़ी गई पिकप को बरामद होने के बाद पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है।अब देखना यह है कि कबाड़ चोर और उनका कबाड़ माफिया और सन्दिग्ध नीजी सुरक्षा कर्मियों के गिरेबान तक पुलिस का हाथ पहुचता है या नही सूत्रों की माने तो पुलिस मामले की लीपापोती करने में भी जुट गई है।स्थानीय लोगो ने पुलिस अधीक्षक सोनभद्र का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया है।*