हमारे एक *सुरक्षित* जगह की। एक ऐसी जगह, जहां कोई भी बिना डर के *निश्चित* होकर रह सके। यह एक ऐसा *एहसास* है, जो किसी भी *जनसत्ता दल सदस्य* को बेइंतिहा सुकून देता है। हर *कार्यकर्ता* को एक सुरक्षित जगह की तलाश होती है। यह किसी के साथ भी हो सकती है या कुछ और भी..। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, वह किस रूप में आपको, आपके अकेलेपन या डर से बचाती है। आपको जीने का *हौसला* देती है। *जन्मोत्सव..*
*कविता*
*श्रीमंत जी से*
जुड़..
जब *कद* को ऊंचा बना लिया
फिर *घर* को ऊंचा क्या करना।।
उस दर पे *सर* को झुका दिया,
तो हर दर पर *सजदा* क्या करना।।
दुख न हो *श्रीमंत जी* के जीवन में,
मेरे दिल में ये चाहत सदा रहे..।।
बन..
*जन्मदिन कैंडल जो खुद को जला लिया*
फिर *अंधियारे पथ* से क्या डरना।।
*आशु खान रायबरेली*।।🙏।।
जन्म-दिन की हार्दिक बधाई आदरणीय माननीय जी...