अमित चौरसिया बिहार*
दीपावली आने वाली है। दीपावली के मौके पर हर कोई अपने घर व प्रतिष्ठान को लाइटो से चमकाने में लगे है। वहीं इस्लामपुर नगर पंचायत के कई क्षेत्रों में स्ट्रीट लाईट बिगड़ने के कारण रात्रि में अंधेरा पसरा पड़ रह रहा है। हर कोई चाहता है कि उसके घर-आंगन व गली में रोशनी डेरा डाले कोई अंधेरे को पास भटकने भी नहीं देना चाहता है। लेकिन नगर इस्लामपुर पंचायत के कई वार्डों के लोग अंधेरे के बीच जीने को मज़बूर हैं। नगर पंचायत के वार्ड 11 मुहल्ले में अंधेरा ने अपना डेरा इस कदर डाला है की शाम ढ़लते हीं अंधेरा कायम हो जाता है। जिससे इस मुहल्ले के लोगों को हमेशा परेशानियां होती है। मुहल्ले में तो स्ट्रीट लाइटें तो लगायी गईं हैं, लेकिन वो सिर्फ़ और सिर्फ़ दिखाबा के लिए है सभी लाईटों का हालत जर्जर है और इसे देखने वाला कोई नहीं है। अब स्थिति ऐसी हो गयी है कि इस मुहल्ले की गलियों में रात के समय में आने-जाने में भय प्रतीत होता है। अंधेरे के कारण कुछ भी दिखाई नहीं देता है। रात का समय है यो लाज़मी है कि इन गलियों में कुत्तों का भी जमावड़ा काफी रहता है। जिसके कारण लोग डरे व सहमे हुए आते-जाते हैं। साथ ही इस मुहल्ले की गली से रात के अंधेरे के कारण अप्रिय घटना होने का डर बना रहता है। शहर में बिजली के खंभों पर लगी एलईडी लाइट शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। अधिकांश लाइट या तो बंद पड़ी है या फिर उससे कम रौशनी निकल रही है। कहीं स्वीच खराब है, तो कहीं कनेक्शन का तार टूटा व लटका हुआ है। नगर पंचायत के अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को बंद पड़े हुए स्ट्रीट लाइट की वजह से आम लोगों को जवाब देते नहीं बन रहा है। नगर पंचायत द्वारा वार्डों को जगमग करने का सपना पूरा नहीं हो सका है। अब इसके पीछे भी कई तर्क हैं वार्ड वासियों का कहना है कि नगर पंचायत के कर्मियों द्वारा लूट खसोट की गई और सस्ते दामों के एलईडी की खरीदारी कर इन्हें वार्डों में लगाया गया है। दूसरी तरफ हकीकत यह भी है कि एलईडी लगाने में भी वार्ड पार्षदों ने अपनी मनमानी भी जमकर की है। पार्षदों के मन मुताबिक चिह्नित जगहों पर इन लाइटों को लगाया गया जिसके कारण भी वार्ड के लोगों में पार्षदों के प्रति आक्रोश है। वास्तविकता भी यही है कि लगने के कुछ महीने बाद ही आधा से ज्यादा खराब हो गए।