रामजी पांडे
स्वस्तिकासन एक ऐसा आसन है जो हमारे शरीर के सभी रोगों से हमें मुक्त करता है यह आसन हमारी एकाग्रता के लिए भी श्रेष्ठ माना गया है इस आसन को करने में घुटने और जांघ के बीच दोनों पैरों के तलवे को लगाया जाता है और गर्दन छाती तथा रीढ़ को सीधा रखा जाता है आराम से सुखासन में बैठकर सहज स्वास के साथ दाएं पैर को मोड़कर बाएं घुटने के बीच और बाएं पैर को मोड़कर दाएं घुटने के बीच रखकर इस प्रकार दोनों पैरों के पंजे घुटनों के अंदर चले जाएं अब दोनों हाथों की तर्जनी और अंगूठे के शीर्ष को मिलाकर ज्ञान मुद्रा बनाएं मध्यमा अनामिका और कनिष्ठा अंगुलियों को सीधा रखें और हथेली को घुटनों पर टिका कर घुटनों को जमीन से सटाकर रखें अब अपनी नजर नाक के अगले हिस्से पर प्रेषित करें कुछ पल बाद सांस भरकर रोक ले इस अवस्था में यथाशक्ति रुकने के बाद सांस धीरे-धीरे छोड़ते हुए पुरवा अवस्था में आ जाएं यह लगभग 20 मिनट तक करें और बिल्कुल ना करें।