अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का विजयदशमी पर्व पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम जिला पंचायत हाल में संपन्न हुआ.कार्यक्रम में श्री मुनेंद्र सिंह आर्य ने क्षत्रियों को हवन कराया तथा आहुति दी गई. इसके उपरांत सभा का आयोजन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि श्री राजीव कुमार सिंह बब्बू भैया विधायक दातागंज रहे, तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री मुन्ना सिंह आंचल ने की.
सभा में रामपाल सिंह मनीष कुमार सिंह ने कविता पाठ कर उपस्थित लोगों में क्षत्रियत्व की भावना का प्रसार किया.
राजीव कुमार सिंह बब्बू भैया ने सभा को संबोधित करते हुए क्षत्रिय धर्म की उपस्थित लोगों में जागरूकता फैलाते हुए कहा आज क्षत्रिय अपने धर्म से विमुख हो रहा है जो कि समाज के पतन का कारण भी बनता जा रहा है, अतः क्षत्रियों को अपना धर्म पहचानने और समझने की आवश्यकता है.
राणा प्रताप सिंह कहां क्षत्रिय धर्म का पर्व शस्त्र पूजन तो हर्ष उल्लास से मनाया जाता है परंतु धर्म की मान्यता क्षीण होती जा रही है जिसे सुधारने की आवश्यकता है.
उमेश सिंह राठौर ने सभा को संबोधित हुए करते हुए कहा की आज राजनैतिक परिदृश्य में हम पिछड़ रहे हैं जिसमें हमें उत्थान करना है.
पूर्व जिलाध्यक्ष श्याम पाल सिंह ने लोगों से अपील की कि संगठन की गतिविधियों को तेजी से आगे बढ़ाएं और समाज में को उन्नति के पथ पर ले जाएं. राजपाल सिंह चौहान ने कहा की क्षत्रिय आज भी अगर एकता की भावना ले आए तो विश्व में एक मिसाल कायम हो सकती है.
भूपेंद्र सिंह भदोरिया ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि रामायण का स्मरण हर घर में होना चाहिए हर कांड का अपना एक महत्व है जिसे अपने आचरण में उतारना चाहिए.
सभा का संचालन करते हुए पूर्व ज़िलाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह ने उपस्थित क्षत्रिय बंधुओं से को बताया की अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा से सम्बद्ध एक ट्रस्ट बनाया गया है जिसका नाम अखिल भारतीय क्षत्रिय विकास ट्रस्ट रखा गया है, इसका मुख्य उद्देश्य समाज के लिए एक छात्रावास का निर्माण कराना है अतः जनपद के समस्त क्षत्रिय बंधुओं से अनुरोध है कि भूमि खरीदने में सभी क्षत्रिय भाई यथा संभव सहयोग करें.
आशीष कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, मनीष कुमार सिंह, मुनेंद्र सिंह आदि लोगों ने भी सभा को संबोधित किया.
मुनेंद्र सिंह के प्रस्ताव पर सभा ने मृत्यु भोज पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव स्वीकार किया, साथ में यही मांग की गई राजनैतिक रूप से जो सरकारें बनती हैं उन्हें जातिगत आरक्षण खत्म करना चाहिए तथा इस आरक्षण को जरूरतमंद गरीब लोगों को ही मिलना चाहिए अतः आरक्षण जातिगत ना होकर आर्थिक रूप पर लागू होना चाहिए क्योंकि गरीब, पिछड़े और दलित हर समाज में हैं जिसे सभा ने अनुमोदन किया.