भारतीय संस्कृति की जागरूकता को लेकर ज्ञान परीक्षा हुई आयोजित




जीआईसी ,जीजीआसी, सोनांचल इंटर कालेज, शिवम इंटर कालेज, भारतीय इंटर कालेज ,राजा चन्डोल इंटर कालेज सहित 30 स्कुलो में 2200 विद्यार्थियों ने दिया परीक्षा।
दुद्धी-अखिल विश्व गायत्री परिवार शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान मे जिले के दुद्धी तहसील क्षेत्र के 30 विद्यालयो मे भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन किया गया।इस वृहद  आयोजन में कक्षा 5 से लेकर 12 तक के 2500 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।यह परीक्षा दुद्धी ,विंढमगंज ,महुली कादल,लीलासी,नगवा ,अमवार,सागोबांध आदि के सरकारी व गैरसरकारी स्कुलो में सम्पन्न हुई। दुद्धी कस्बे के स्कुलो में 1028 बच्चो ने परीक्षा दिया वही अन्य स्कुलो में 1178 ने दी। परीक्षा संयोजक शिवकुमार ने  परीक्षा के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारतीय संस्कृति को विश्व का पर्याय माना गया है सभ्यता का विकास इसी के गर्भ में हुआ जिसने ज्ञान की अनेकानेक विधाओं को जन्म देकर समस्त विश्व को अपने अनुदान से सिक्त किया।किसी देश,





जाति, धर्म, संप्रदाय,वर्ग,अथवा समाज विशेष तक सीमित न रहकर यह संपूर्ण मानव जाति के विकास एवं कल्याण के लिए पथ प्रदर्शन करती रही है। देव संस्कृति चिर पुरातन समय से ही समूचे विश्व के हर क्षेत्र एवं समुदाय को सद्भावना एवं शत प्रवृत्तियों से अनुप्राणित करने में समर्थ रही है यदि विश्व का आज के परिस्थितियों में एक सूत्र में बांधने की बात सोची जाए तो एक ही संस्कृति "विश्व संस्कृति" की बात मस्तिष्क में आती है ऐसा स्वरूप देव संस्कृति की ही बनती है जो सारे विश्व की अनेकानेक संस्कृतियों के उपयोगी एवं महत्वपूर्ण अंशों का समुच्चय है इस संस्कृति की महत्ता को देखते हुए हम सभी का धर्म एवं कर्तव्य बनता है कि इसके दर्शन, स्वरूप ,व्यवहार, प्रयोग, उपयोग आदि से सर्वसाधारण को परिचित कराएं एवं सभी को इसके अनुरूप जीवन जीने के लिए प्रेरित भी करें इसी उद्देश्य को ध्यान में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार ने इन नौनिहाल बालकों को इस परीक्षा के माध्यम से अपनी भारतीय संस्कृति से अवगत कराने का बीड़ा उठाया है जिससे हमारे समाज और देश के लोग संस्कृति निष्ठ जीवन यापन को अपनाकर अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त करते



 हुए वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को पूरा करें। इस परीक्षा को संपन्न कराने में दर्जनों लोगों ने पर्यवेक्षक के रूप में अपना योगदान दिया भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के वरिष्ठ कार्यकर्ता डॉ○ एच○ पी○ गुप्ता का सतत मार्गदर्शन इस कार्यक्रम को सम्पन्न कराने में रहा इस अवसर पर इन्होंने उन सभी प्रधानाचार्य,शिक्षकों, पर्यवेक्षक गणो का आभार व्यक्त किया जिन्होंने अपना अमूल्य समय और श्रम लगाकर इस परीक्षा को संपन्न कराया।इस अवसर पर जिला समिति के सदस्य पन्नालाल , रामनाथ कुशवाहा , जगत नारायण यादव,शिवशंकर प्रसाद, कुशवाहा,प्यारेलाल,प्रिंस श्रीवास्तव, डॉ रजावत  इत्यादि ने अपने-अपने क्षेत्रों के विद्यालयों में जनसंपर्क का दायित्व संभाला। पर्यवेक्षक की मुख्य भूमिका में सत्यम एकेडमी के डायरेक्टर राकेश गुप्ता ने अपने टीम के अमित पांडये सर,आदर्श तिवारी जी ,प्रशांत अग्रहरि,शशिमौर्य,सुनील कुमार,सूफिया बेगम सरगम ,अनिता ,पूजा मौर्या,सुजीत तिवारी ,दिनेश कुमार, अनुज गुप्ता,रविन्द्र सिंह,उपेंद्र कुमार,विश्वजीत नीलेश्वर प्रसाद आशीष गौतम,अंजली यादव, तारा, मानसी,आशीष मौर्य,राज नरायन,संदीप मौर्या के साथ पारदर्शिता पूर्वक भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा सम्पन्न कराया।