कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में जाकर अब बेधड़क होकर बोले

ऐसे सिखाते हैं बोलने की कला


अपनी बातों से दूसरों को प्रभावित कर लेना एक कला होती है और कुशल वक्ता इस कला में माहिर होता है वैसे तो आपस में बातचीत करने की कला सब में होती है लेकिन भीड़ को संबोधित करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता है वजह है लोगों के सामने बोलने में असहज महसूस करना या जुबान लड़खड़ा जाना जिससे आपको दूसरे के सामने अपनी बातों को सटीक लहजे में रख पाने में दिक्कत पेश आती है इसी कमी को दूर करने के लिए राजधानी दिल्ली में कुछ युवाओं ने स्पीकाम के नाम से एक ऐसा ग्रुप बनाया है जो लोगों के बीच बोलने की क्षमता को बढ़ावा देता है पब्लिक स्पीकिंग कम्युनिटी स्पीकर इसके लिए किसी से भी कोई फीस नहीं लेता है इसके सदस्य हर रविवार को कनॉट प्लेस के सेंटर पार्क में जमा होते हैं बताते चलें कि इस ग्रुप को कुछ समय पहले दो युवाओं ने तनमित सिंह और आकाश कुमार ने मिलकर शुरू किया था जिसमें आप बहुत सारे लोग जुड़ चुके हैं इस पर तनमीं का कहना है कि इंटरनेट के जरिए नुक्से तो हासिल कर सकते हैं कि लोगों के बीच बोलने की क्षमता को कैसे बढ़ाएं पर वास्तविक में सुधार तभी आता है जब हम लोगों के बीच में बोलना शुरू करते हैं इस ग्रुप में अधिकतर 25 लोग एक गोलाकार आकार में पार्क में बैठते हैं और शुरुआत में एक दूसरे से अपना नाम और परिचय कराते हैं जिनको अंग्रेजी नहीं आती हैं वह लोग हिंदी में भी अपना परिचय कराते हैं और बातों ही बातों में एक दूसरे को छोटी मोटी कहानियां सुनाकर  लोगों को अपनी भाषण कला से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं सभी वहां पर अपनी रूचि के अनुसार ही परफारमेंस करते हैं और छोटा-मोटा अभिनय भी कर सकते हैं इसके बाद लोग आपस में बातचीत करते हैं जिसके उनमें दोस्ताना माहौल बन सके