पत्रकार रामजी पांडे का लेख
पृथ्वी मुद्रा हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाती है यह मुद्रा कमजोर लोगों का वजन भी बढ़ाने में सहयोग करती है इसके अलावा यह पाचन शक्ति को भी ठीक करती है जिससे सर्दी जुखाम जैसे मौसमी बीमारियों से आप अपने आप को बचा सकते हैं यह पृथ्वी मुद्रा ही है जो शरीर में विटामिंस की कमी को दूर करती है स्त्रियों के लिए पुरुषों के लिए और कमजोर व पढ़ते हुए बच्चों और हमेशा थकान महसूस करने वाले लोगों के लिए यह मुद्रा विशेष तौर पर लाभकारी है इससे ऊर्जा बढ़ती है जीवन शक्ति का विस्तार होता है और चेहरे पर चमक आ जाती है पृथ्वी मुद्रा को करते समय पद्मासन में बैठकर अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और दोनों हाथों के अंगूठे और अनामिका के आगे के भाग को मिलाएं बाकी शेष उंगलियों सीधा रखें रोजाना कम से कम 10 से 15 मिनट तक यह पृथ्वी मुद्रा करनी चाहिए धीरे-धीरे इसकी अवधि बढ़ा सकते हैं मुद्रा या आसन को खाली पेट करना चाहिए कप संबंधित बीमारी वाले व्यक्ति को इस मुद्रा को अत्यधिक समय तक नहीं करना चाहिए