*पूनम चतुर्वेदी*
1- लोग कह रहे हैं की महिलाओं को बसों में निःशुल्क यात्रा देने से यह महिलाएं और पुरुषों की बराबरी के ख़िलाफ़ है। पर एक बार सोचिये, क्या हमारे देश में महिलाएं और पुरुषों में बराबरी है? क्या हमारे देश में महिलाओं को बराबरी का दर्ज़ा आज तक मिला है? क्या महिलाओं को आज तक उनका अधिकार मिला है? किचन में काम कर रही अपनी माँ, अपनी बहन, अपनी बीवी, अपनी बेटी से पूछिए, वो बताएंगी।
2- जिस देश में कन्या भ्रूण हत्या होती हो, जहाँ माँ के पेट में बच्चा लड़की है ये पता चलते ही उसकी हत्या कर दी जाती है, क्या उस देश में महिलाओं और पुरुषों की बराबरी है? क्या उस देश के लोग इस बात को पचा पाएंगे कि वहां की महिलाओं को कुछ ज़रूरी सुविधाएं मिल रही हैं? पूछिए अपनी माँ से, अपनी बहन से, अपनी बीवी से, अपनी बेटी से पूछिए, वो बताएंगी।
3- आज भी हमारे देश के परिवारों में जब लड़के और लड़की में से किसी एक को पढ़ाने के लिए चुनना होता है, तो माँ बाप लड़के को चुनते है। क्या ये लड़के और लड़की की बराबरी है? पूछिए अपनी माँ से कि वो कितनी पढ़ी लिखी हैं? पूछिए अपनी बीवी से कि अगर शादी और करियर में उसे चुनने का हक़ मिलता तो वो किसे चुनतीं? पूछिए अपनी बहन से कि जब वो कॉलेज में पढ़ना चाहती थी मगर इसलिए नहीं जाने दिया गया क्यूंकि कॉलेज दूर है, तो उसे कैसा लगा?
4- देश कि राजधानी - दिल्ली में टोटल वर्किंग पॉपुलेशन में महिलाएं सिर्फ 10% हैं। क्या ये बराबरी है? दिल्ली की बसों में सिर्फ 30% महिलाएं यात्रा करती हैं। क्या ये बराबरी है? रक्षा बंधन और भाई दूज पर महिलाएं सुविधा पूर्वक अपने भाई को राखी बाँधने जा सके, इसलिए हम उस दिन बसों में फ्री राइड कर देते हैं। क्या यह बराबरी है? हम कैसे कह सकते हैं कि हमारे देश में महिलाओं को बराबरी का अधिकार है?
5- सच ये है कि इस फ्री बस राइड से महिलाओं को अपने सपने पूरे करने में बहुत बड़ी सहायता मिलेगी। आज हमारे घर की बेटियां, जिन्हें पहले इसलिए स्कूल या कॉलेज नहीं जाने दिया जाता था क्योंकि वो दूर है, अब वो जा सकेंगी। कितनी ही महिलाएं काम करना चाहती हैं मगर जा नहीं पाती क्योंकि आने जाने के पैसे नहीं हैं, अब वो जा सकेंगी।
सच ये है कि जब तक हमारे देश की महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर काम नहीं करेंगी, वो आगे नहीं बढ़ेंगी और जब महिलाएं आगे बढ़ेंगी, तभी हमारा देश आगे बढ़ेगा।
देश की तरक्की के लिए, देश को सक्षम बनाने के लिए, महिलाओं का मज़बूत होना ज़रूरी है।
ये फ्री बस राइड कोई दिखावा नहीं, महिलाओं का अधिकार है।
क्योंकि, जब महिलाएं आगे बढ़ेंगी, तभी देश आगे बढ़ेगा।
एक बार पूछिएगा अपनी माँ से, अपनी बहन से, अपनी बीवी से, अपनी बेटी से, वो जरूर बताएंगी।