धोखाधड़ी,जालसाजी और आपराधिक न्यास भंग का अपराध में 3 साल से फरार चल रहे आरोपी को सरई पुलिस ने चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया है जबकि इसी मामले में तीन आरोपी अभी भी फरार है.आरोपी पवन वीर सिंह लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहा था लेकिन सरई पुलिस की सक्रियता से 420 का आरोपी आख़िरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। दरअसल फरियादी राकेश अहरावत आरोप लगाया कि आरोपी पवन वीर सिंह ,संदीप चौधरी,भगवान,सचिन भूटानी की फर्म जय मां जगदंबे मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भरसेडी में पत्थर का उत्खनन कर रहे थे जहां अपनेेे व्यवसायिक पार्टनर का फर्जी हस्ताक्षर कर धोखाधड़ी से व्यवसाय से अलग कर दिया. फरियादी का आरोप है कि कंपनी के निदेशक धोखाधड़ी,जालसाजी और आपराधिक न्यास भंग का अपराध किया है। राकेश अहरावत ने आरोप लगाया है कि पवन वीर सिंह अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर दबंगई करते हुए भरसेडी स्थित पूजलोना क्रेशर प्लांट 200 टीपीएच टू स्टेज, एक डीजी सेट एक रॉक ब्रेकर दो हाईवा एक ऐक्सावेटर एल एन्ड टी कोमतसू पीसी 210, बिना पूछे कहीं जगह शिफ्ट कर दिया गया तो वहीं दूसरी तरफ आरोपियों ने पत्थर उत्खनन पटे को छल पूर्वक राकेश अहरावत के फर्जी हस्ताक्षर कर लीज को अपने नाम हस्तांतरित कर लिए. जिस वजह से फरियादी को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।पवन वीर सहित अन्य आरोपियों ने 1 फरवरी 2016 को फर्जी हस्ताक्षर बनाकर खनिज विभाग में कंपनी से त्यागपत्र जमा करवाया और अपने नाम लीज करवा ली। शिकायत के आधार पर सरई पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 420,406,467,468, 471,34 आईपीसी भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। विवेचना के आधार पर पुलिस ने पवन वीर सिंह को चंडीगढ़़ से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है जबकि अभी भी तीन आरोपी फरार चल रहे हैं
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यह है मामला
फरियादी राकेश अहरावत अपने मित्र संजय कुमार के साथ मिलकर एक साझेदारी फर्म बनाकर गिट्टी का व्यवसाय की शुरुआत की जहा संजय कुमार ने कहा कि जय मां जगदंबे मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पहले से रजिस्टर्ड है ऐसे में संदीप सिंह राजी हो गया दोनों पार्टनरो की हिस्सेदारी में जहां राकेश कुमार के नाम 75% और संजय कुमार के नाम 25 प्रतिशत के हिसाब से हिस्सेदारी तय हुई।एडवोकेट पवन वीर ने यह भी कहा कि कंपनी पंजीकृत हो गई है जिसका प्रमाण पत्र आप सीए सचिन भूटानी से बाकी का बकाया राशि देकर ले सकते हैं।
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आरोपी के खिलाफ कई मामले लंबित
धोखाधड़ी,जालसाजी और आपराधिक न्यास भंग का अपराध में 3 साल से फरार चल रहे आरोपी के गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हो सकते हैं इस मामले के आरोपी आपस मेंं रिश्तेदार बताए जा रहे हैं सूत्रों की माने तो आरोपी पवन वीर सिंह के खिलाफ रीवा सहित कई जिलों में धोखाधड़ी के मामले पंजीबद्ध है.आदतन अपराधी है और सीधे साधे लोगों को अपने रिश्तेदारों के सह से धोखाधड़ी कर चूना लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ते.
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शातिर अपराधी बीमारी का बना रहा बहाना
सूत्रों की माने तो धोखाधड़ी जालसाजी में पारंगत आरोपी गिरफ्तारी के बाद से ही बीमारी का बहाना बनाने लगा था। पचौर जेल पहुंचते ही शातिर अपराधी एक बार फिर बीमारी का बहाना कर जिला चिकित्सालय में भर्ती होने में सफल हो गया है।शातिर अपराधी के तार आईजी,डीआईजी से जोड़ा जा रहा है यही वजह है कि गिरफ्तारी के चंद घंटों बाद उसे बीमार बताकर जिला चिकित्सालय की प्राइवेट वार्ड में रखा गया है। तो वहीं दूसरी तरफ हॉस्पिटल में आरोपी वोतका का पैक लगाते हुए खुद को बेगुनाह साबित करने का षडयंत्र बना रहा है।