बीते रविवार कि शाम करीब 5:00 बजे परियोजना का विशालकाय ऐस डैएम भरभरा कर ढह गया।
इसके चलते लाखो टन राख भ कर रिहन्द जलाशय में चला गया।
जिससे जलाशय को भारी क्षति हुई है तथा जलाशय में खतरनाक अपशिष्ट चले गए जो लाखो लोगो के जीवन को प्रभावित केरेंगें।
ज्ञात हो कि सिंगरौली/सोमभद्र
के उर्जान्चल के ओद्योगिक क्षेत्र के लाखो लोगो के पीने के पानी
का भी एक मात्र जल स्रोत
रिहन्द जलाशय ही हैं।
राख के साथ खतरनाक,पारा, मर्करी, आर्सेनिक आदि जहरीले अपशिष्ट भी रिहन्द जलाशय में चला गया हैं।
जिस पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं पर्यावरणविद अश्वनी कुमार दूबे, समाजिक कार्यकर्ता व पर्यावरणविद जगत नारायण विश्वकर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता के सी शर्मा ने गहरी आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि यह म. प्र. प्रदूषण बोर्ड एवं एनटीपीसी प्रवंधन की लापरवाही व गैरजिम्मेदाराना रवैये का नतीजा है।
इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है।
एडवोकेट अश्वनी दूबे ने बताया है कि उक्त घटना की जानकारी प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित सम्बंधित अधिकारियों को टियूट कर दे दी गयी हैं, और इसकी शिकायत एनजीटी में भी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि रिहन्द जलाशय में बड़े पैमाने पर राख का जाना गम्भीर मामला है।
वाध के टूटने से आई मलवे की भयावह बाढ़ में फंसे तीन ठेका मजदूरों को पुलिस टीम द्वारा करीब डेढ़ घंटे मशक्कत के बाद सकुशल निकाल लिया गया है।
एसपी सिंगरौली, एएसपी, एडीएम, के मार्गदर्शन व टीआई मनीष त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस टीम अत्यंत जोखिम भरे कंटीली झाड़ियों व दलदल पार करते हुए डरावने स्थान में फंसे मजदूरों अरविंद, संतोष, राजू साकेत, को करीब 1 घंटे मशक्कत के बाद सकुशल निकाल लिया।
इस आपरेसन "जिंदगी" कि सफलता पर एस पी अभिजीत रंजन ने इनाम देने कि घोषणा की है।
करीब डेढ़ घंटे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन जिंदगी में प्रधान आरक्षक संतोष सिंह, अरविंद चतुर्वेदी, आरक्षक संजय सिंह परिहार, अमजद खान, कमल जागीरदार, कि मेहनत व मशक्कत और दुस्साहस देखने लायक थी