सेंट्रल ई लाइब्रेरी बनी ग्रामीण अंचल के छात्रों के लिए वरदान






क्षत्तीसगढ़ सूरजपुर। शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्व को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर श्री दीपक सोनी के पहल पर 05 सितम्बर को शिक्षक दिवस के दिन शा.कन्याउ.मा.विद्यालय सूरजपुर में शिक्षा क्षेत्र में भी दुरस्त अंचल स्थित ग्रामीण क्षेत्र के अध्ययनरत् बच्चों को शिक्षा का उचित लाभ देने के उद्देश्य से सक्षम सूरजपुर के अंतर्गत ई-लाईब्रेरी का शुभारंभ किया गया था। उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त होना प्रारंभ हो गया है, बता दें कि ई-लाईब्रेरी में 34505 पुस्तकों को आॅनलाईन दर्ज कर लिया गया है, 846 बच्चे पंजीकृत हुए हैं और 122 स्कूलों से संचालित विद्यालय की पुस्तकालय को आॅनलाईन कर दर्ज किया गया है।
दुरस्त अंचल ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित विद्यालय विकासखंड ओड़गी, भैयाथान, प्रतापपुर, प्रेमनगर जैसे अन्य स्कूल के 320 छात्र-छात्राओं को ई-लाईब्रेरी के द्वारा पुस्तक प्रदान किया गया है, ग्रामीण क्षेत्रों में अध्ययन् करने वाले श्री विष्णु राजवाडे़, श्री ओंकार शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के छात्र ने ई-लाईब्रेरी से प्राप्त सुविधा के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि ई-लाईब्रेरी के खुलने से पढ़ाई करने में मदद एवं सहायता प्राप्त हो रही है। क्योंकि हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण अध्ययन सामग्री खरीद नहीं पाते थे, ई-लाईब्रेरी प्रारंभ होने से हमारे लिए बहुत सहारा साबित हुआ है। अध्ययनरत छात्रों ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि इससे समय का बचत हो जाता है क्योंकि पुस्तक खारीदने के लिए अलग से समय निकालना पड़ता था लेकिन अब उस समय में अध्ययन कर लेते हैं। इस तरह ई-लाईबे्ररी के प्रारंभ होने से निर्धन वर्ग के छात्रों के लिए वरदान एवं सहारा साबित हो रहा है।
इस तारतम्य में कलेक्टर श्री दीपक सोनी के अथक प्रयास से सक्षम सूरजपुर बनाने के लिए कलेक्टोरेट परिसर में पुस्तक दान-महाअभियान प्रारंभ किया गया है, कलेक्टर स्वयं पुस्तक दान कर विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पुस्तक दान करने कहा और आज तक 113 पुस्तके, पुस्तक दान के माध्यम से प्राप्त हुए हैं जिसमें उपन्यास, कहानी, इतिहास, प्रतियोगिता से संबंधित पुस्तके ग्रामर, सामान्य ज्ञान, पाठ्य पुस्तके जैसे अन्य पुस्तके प्राप्त हो रहे है जिसे ई-लाईबे्ररी उपलब्ध कराया गया है। जिसे ग्रामीण अंचल क्षेत्र में पढ़ने वाले बच्चे भी शहरी बच्चों की तरह लाभ ले रहे हैं।