*पंकज पाराशर छतरपुर*
भोपाल। मध्य प्रदेश में किसान कर्ज माफी पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस के वादे को अमलीामा पहनाने में प्रशासनिक अमला रोढ़ा बन गया है। सरकार दावा कर रही है लाखों किसानों का कर्ज माफ हो चुका है बाकी किसानों का कर्जमाफी की प्रक्रिया चल रही है लेकिन जमीनी हकीकीत यह है कि बैंक द्वारा किसानोंं को अब तक कर्ज माफी का प्रमाण नहीं मिला। जिसे लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई और चाचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह ने अपने क्षेत्र के गुना कलेक्टर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि, इस तरह की शिकायतें लगातार आ रही हैं। मैंने अपने गृह जिला गुना के सहकारी बैंक के मैनेजर से पूछा कि क्यों किसानों के कर्जे माफ नहीं हुआ छूट कैसे गए। तो उन्होंंने कहा कि ज़िलाधीश हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। इसलिए हम सबके कर्जे माफ नहीं करपा रहे हैं। अब मैं कल वहां जा रहा हूं और यह बात हम ग्रामीणजनों के बताएंगे और मैं अपेक्षा करता हूं कि वहां कलेक्टर भी आएं इसकी वजह बताएं। जिससे की जो वादा सरकार ने किया वह पूरा हो। जब उनसे पूछा गया कि क्या वजह है कि कलेक्टर साइन नहीं कर रहे हैं। तो उन्होंने कहा कि वजह तो मंत्री और मुख्यमंत्री बताएं क्यों नहीं कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि हर विधानसभा में एक शिविर लगे सिर्फ किसान कर्ज माफी का और जिन किसानों के कर्ज माफी नहीं हुए हैं वहां कलेक्टर मौके पर ही हस्ताक्षर कर किसानों का कर्ज माफी करें। गौरतलब है कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसान कर्ज माफी की फाइल दस मिनट में साइन करदी थी। लेकिन सरकार को सत्ता में एक साल होने को है पूरी तरह से इस योजना के तहत किसानों का कर्ज माफी नहीं हो पाया है। समय समय पर विभिन्न तरह की परेशानियों के कारण किसान कर्ज माफी अटकी हुई है। जिससे सरकार की बार बार किरकिरी हो रही है। वहीं, विपक्षी पार्टी भाजपा भी सरकार पर लगातार दबाव बनाए हुए और आरोप लगा रही है कि सराकर ने किसी भी किसान का कर्ज माफ नहीं किया है।