मुंबई की हमसफर पद्मिनी का सफर हुआ खत्म 2020 से नहीं दिखेंगी मुंबई की सड़कों पर




मुंबई की हमसफर मानी जाने वाली काली-पीली टैक्सी 'पद्ममिनी' का सफर खत्म हो गया है। ये टैक्सियां जून 2020 से मुंबई की सड़कों पर पूरी तरह बंद हो जाएंगी।
दरअसल आइकॉनिक इंडो-इटैलियन मॉडल की प्रीमियर टैक्सी 'पद्मिनी' का प्रोडक्शन साल 2000 में ही बंद हो गया था।
वर्तमान समय में सिर्फ 50 टैक्सियां ही मुंबई की सड़कों पर दौड़ रही हैं। लेकिन इन्हें अगले साल पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। इसे लेकर मुंबई टैक्सी यूनियन का कहना है कि यह प्रतिष्ठित कार है। लेकिन नई पीढ़ी के लोग अब इसमें बैठना नहीं चाहते हैं। वे नई तकनीक की मॉडर्न कारें पसंद करते हैं। इतनी महंगाई में अब इन टैक्सियों का रख रखाव भी काफी महंगा हो गया है। वहीं, 2013 में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 20 साल से पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए थे। ऐसे में इन कारों को सड़कों से हटाना एक मजबूरी बन गया है। हालांकि हर मुंबईवासी इनसे भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। इसलिए पद्मिनी की कमी उन्हें हमेशा खलेगी।
1964 में लॉन्च की थी; रानी पद्मिनी के नाम पर रखा था नाम
कंपनी ने इस कार को 1964 में फिएट 1100 डिलाइट के नाम से बाजार में उतारा था। ये फिएट 1100 का स्वदेशी वर्जन था। लेकिन लॉन्चिंग के एक साल बाद ही इसका नाम बदलकर प्रीमियर प्रेसिडेंट रख दिया गया। वहीं, 1974 में एक बार फिर इसका नाम बदलकर प्रीमियर पद्मिनी रखा गया। ये नामकरण रानी पद्मिनी के नाम पर ही किया गया था।