लोगों को अपने घर में कुत्ता पालने का एक शौक भी है और उनकी जरूरत भी क्योंकि शहर के जीवन में उनका पालतू कुत्ता उनके काफी मदद आता है और चोर उचक्के से घर को महफूज रखता है लेकिन अब आपको अपने घर में कुत्ता पालना महंगा पड़ने वाला है इसके लिए हर साल अब आपको पंजीकरण कराना होगा जिसके एवज में पंजीकरण शुल्क देना होगा गाजियाबाद नगर निगम के मेयर आशा शर्मा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि निगम पालतू कुत्तों का सर्वे करवाएगा जिसके बाद शुल्क बढ़ाने के लिए नई नियमावली तैयार की जाएगी इसके बाद ही इस दर को लागू किया जा सकेगा इसके अलावा सड़क पर अपने कुत्ते को सोच करवाने वालों पर भी कार्यवाही की जाएगी ऐसा करते पकड़े जाने पर कुत्ता पालने वाले व्यक्ति को ₹500 जुर्माना देना पड़ेगा नगर निगम अधिनियम 1959 में कुत्ता पालने पर पंजीकरण शुल्क का प्रावधान किया गया है पंजीकरण की जिम्मेदारी नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग को दी गई है इस प्रावधान के बावजूद वर्ष 1998 तक शुल्क निर्धारण ना होने के कारण कुत्तों का पंजीकरण नहीं हो पाया था लेकिन प्रदेश सरकार ने 5 जून 1999 को गाइडलाइन जारी कर पंजीकरण शुल्क ₹10 निर्धारित किया था तब से संपूर्ण प्रदेश में नगर निगम में यह शुल्क लिया जा रहा है ज्यादातर निगमों में इस शुल्क में वृद्धि कर दी गई है लेकिन गाजियाबाद नगर निगम ने इस 30 को बढ़ाने की कभी कवायद नहीं की थी कई नगर निगम बोर्ड बैठक में शुल्क बढ़ाने के लिए पार्षद अपनी आवाज बुलंद करते रहते हैं इस सब को देख कर ही बैठक में इस तरह का निर्णय लिया गया है बताया गया है कि आप अपने पालतू जानवर की वैक्सीन भी करवाएं उसके वैक्सीनेशन कार्ड को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से सत्यापित करवाना जरूरी होगा सत्यापित कापी के साथ निगम में पालतू पशु की दो फोटो लगाकर आवेदन करना होगा जिसके बाद उसका शुल्क देने के बाद ही आपके कुत्ते का पंजीकरण हो पाएगा ।
अब आपको अपने घर में कुत्ता पालना पड़ेगा महंगा करवाना पड़ेगा पंजीकरण
लोगों को अपने घर में कुत्ता पालने का एक शौक भी है और उनकी जरूरत भी क्योंकि शहर के जीवन में उनका पालतू कुत्ता उनके काफी मदद आता है और चोर उचक्के से घर को महफूज रखता है लेकिन अब आपको अपने घर में कुत्ता पालना महंगा पड़ने वाला है इसके लिए हर साल अब आपको पंजीकरण कराना होगा जिसके एवज में पंजीकरण शुल्क देना होगा गाजियाबाद नगर निगम के मेयर आशा शर्मा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि निगम पालतू कुत्तों का सर्वे करवाएगा जिसके बाद शुल्क बढ़ाने के लिए नई नियमावली तैयार की जाएगी इसके बाद ही इस दर को लागू किया जा सकेगा इसके अलावा सड़क पर अपने कुत्ते को सोच करवाने वालों पर भी कार्यवाही की जाएगी ऐसा करते पकड़े जाने पर कुत्ता पालने वाले व्यक्ति को ₹500 जुर्माना देना पड़ेगा नगर निगम अधिनियम 1959 में कुत्ता पालने पर पंजीकरण शुल्क का प्रावधान किया गया है पंजीकरण की जिम्मेदारी नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग को दी गई है इस प्रावधान के बावजूद वर्ष 1998 तक शुल्क निर्धारण ना होने के कारण कुत्तों का पंजीकरण नहीं हो पाया था लेकिन प्रदेश सरकार ने 5 जून 1999 को गाइडलाइन जारी कर पंजीकरण शुल्क ₹10 निर्धारित किया था तब से संपूर्ण प्रदेश में नगर निगम में यह शुल्क लिया जा रहा है ज्यादातर निगमों में इस शुल्क में वृद्धि कर दी गई है लेकिन गाजियाबाद नगर निगम ने इस 30 को बढ़ाने की कभी कवायद नहीं की थी कई नगर निगम बोर्ड बैठक में शुल्क बढ़ाने के लिए पार्षद अपनी आवाज बुलंद करते रहते हैं इस सब को देख कर ही बैठक में इस तरह का निर्णय लिया गया है बताया गया है कि आप अपने पालतू जानवर की वैक्सीन भी करवाएं उसके वैक्सीनेशन कार्ड को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से सत्यापित करवाना जरूरी होगा सत्यापित कापी के साथ निगम में पालतू पशु की दो फोटो लगाकर आवेदन करना होगा जिसके बाद उसका शुल्क देने के बाद ही आपके कुत्ते का पंजीकरण हो पाएगा ।