मेरठ के बागपत जेल में बंद माफिया सरगना मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जेल के अंदर बड़े पैमाने पर व्हाट्सएप कॉल के जरिए जराएम का नेटवर्क चलाया जा रहा था जिसमें लगभग 10 अपराधी बड़े स्तर पर शामिल थे मिली जानकारी के अनुसार जेल के अंदर हो रही अनियमितता की सूचना के बाद कमिश्नर और आईजी रेंज में बागपत जेल में अचानक छापेमारी कर दी और जेल की सभी बैरंग में चेकिंग की गई जिस में सामने आया कि बैंकों में 2 फीट गहरे गड्ढे में वाईफाई राउटर दबे हुए थे जिसमें लगभग 10 मोबाइल फोन कनेक्ट थे इससे प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
कि जेल से अपराधियों का इतना बड़ा नेटवर्क फैला हुआ है और प्रशाशन को उसकी भनक तक नहीं है साइबर एक्सपर्ट ने इसकी जांच शुरू कर दी है और प्रारंभिक जांच में 10 अपराधियों के नाम सामने आए हैं बताते चलें कि बागपत जेल की क्षमता 6220 अपराधियों की है लेकिन उसमें 8420 अपराधी बंद है जेल में 1800 कैदी ज्यादा बंद होने के चलते जेल की व्यवस्था भी खराब रहती है वहीं जहां पर जेल में 126 पुलिसकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए वहां41 पुलिसकर्मी और 30 सीसीटीवी है जिसमें से 10 सीसी टीवी जो हमेशा खराब ही रहते हैं जेल के अंदर छापेमारी में बरामद हुए मोबाइल फोन, वाई फाई मॉडम पेनड्राइव और चिप की फॉरेंसिक जांच होगी दोनों आला अधिकारियों ने इसकी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दिए बताते चलें कि पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से चर्चा में आई बागपत जेल के हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे हैं कमिश्नर और आईजी के निरीक्षण में जेल के अंदर की अवस्थाएं सामने आ गई दोनों अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान बागपत जेल से काफी आपत्तिजनक सामान मिला है बड़ा सवाल यह है कि यह सब सामान जेल में कैसे पहुंचा और किन-किन लोगों की इसमें मिलीभगत है जल्दी यह सब बातें जांच में सामने आ जाएंगी अधिकारियों को जेल में खाने की क्वालिटी में भी कमी नजर आई इस पर उन्होंने जेल अधिकारियों को जमकर लताड़ा।