उत्तर प्रदेश में पेट्रोल डीजल के बाद अब बिजली की दरों में भी जबरदस्त इजाफा देखने को मिलने वाला है उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में जहां 12 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा किया है वहीं शहरी घरेलू उपभोक्ता की बिजली 12 फ़ीसदी तक महंगी की गई है ग्रामीण उपभोक्ता किसानों की बिजली की दरें 15 फ़ीसदी तक बढ़ाई गई हैं व्यापारियों के लिए बिजली दर 15 फीस बढ़ाई गई है उद्यमों की की बिजली दाढ़ में अधिकतम 10 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है जो सभी से काफी कम है कम बिजली खपत वाले उपभोक्ता की दरें यथावत हैं नई बिजली की दरें 12 सितंबर से पूरे प्रदेश में लागू हो जाएंगी इसके साथ ही प्रीपेड मीटर के साथ किसी भी श्रेणी में नया कनेक्शन लेने पर 2 फ़ीसदी तक सस्ती बिजली आपको प्राप्त हो सकती है आयोग ने प्रीपेड मीटर को बढ़ावा देने के लिए पहले से चली आ रही छूट को अब और बढ़ा दिया है इसके अलावा निजी ट्यूबल व पंप सेट के डेढ़ ₹100 प्रति बीएचपी की मौजूदा दर को बढ़ाकर ₹170 किया गया है फिक्स चार्ज भी 60 से बढ़ाकर ₹70 किया गया है मीटर निजी ट्यूबल की दर को भी बढ़ाया गया है गौरव तलब है कि वर्ष 2017 में निकाय चुनाव के बाद दिसंबर में औसतन 12 पॉइंट 73 फ़ीसदी बिजली की दरों में इजाफा किया गया था लोकसभा चुनाव में जनता की नाराजगी से बचने के लिए पिछले वर्ष बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई लोकसभा चुनाव के बाद पिछले माह जहां पेट्रोल डीजल के दाम में इजाफा किया गया वहीं 21 माह बाद अब बिजली के दाम बढ़ाए गए हैं कहा गया है कि वित्तीय संकट से जूझ रहे पावर कारपोरेशन ने लगातार हो रहे घाटे से उबरने के लिए जबकि बिजली की मौजूदा दरों में औसतन 14 फ़ीसदी बढ़ोतरी चाही थी लेकिन आयोग ने कारपोरेशन के खर्चों में कटौती करते हुए 11 पॉइंट 69 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है बताते चलें कि जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में बिजली के बिल दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं वहीं पड़ोसी राज्य दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपनी जनता को बड़ी राहत देते हुए बिजली के लैपटॉप में काफी कमी की है एक बात यह समझ नहीं आ रही की जब दिल्ली में बिजली विभाग को कम रेट में बिजली देकर फायदा मिल रहा है तो वहीं उत्तर प्रदेश में बिजली के रेट बढ़ाकर भी निगम को घाटा हो रहा है आखिर ऐसा कैसे हो रहा है समझ से परे है बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में बिजली महंगी होने के विरोध में उपभोक्ता परिषद रिव्यू याचिका दाखिल करेगी उपभोक्ता परिषद ने कहा कि सरकार बिजली के बिल बढ़ाकर जनता को परेशान कर रही है उन्होंने महंगी बिजली करने को प्रदेश में ढाई करोड़ उपभोक्ताओं के साथ धोखा करार दिया है विद्युत विभाग उपभोक्ता परिषद ने इसके विरोध में विद्युत नियामक आयोग में रिव्यू याचिका दायर करने की तैयारी की है परिषद ने आम सुनवाई के दौरान किसानों ग्रामीणों व घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा रखे गए तर्कों और तथ्यों पर आयोग द्वारा ध्यान न दिए जाने पर भी सवाल उठाया और बिजली के दरों में बढ़ोतरी को असंवैधानिक ठहराते हुए उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इसके विरोध में प्रदेश भर में आंदोलन करने और सड़क पर संघर्ष करने की चेतावनी दी है पावर कारपोरेशन के दबाव में आयोग पर देर शाम चुपचाप हर तरह से टैरिफ जारी करने का आरोप लगाते हुए परिषद अध्यक्ष ने कहा कि पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव में थोड़ी बहुत काट छांट करते हुए आयोग ने सभी श्रेणियों की दरों में 12 से 15 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की है जो सरासर गलत है