ट्रैफिक का चालान कटने पर कोर्ट में दिखाई चालाकी तो पहुंचा सीधा जेल


दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में चालान भुगतने के लिए मजिस्ट्रेट के सामने एक ड्राइवर खड़ा था जो अपना ड्राइविंग लाइसेंस लेकर खड़ा  था जिसमें चालान और लाइसेंस में लिखा हुआ नाम एक ही था लेकिन ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने चालान के साथ ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले जानवर की फोटो भी कोर्ट में पेश कर रखी थी मजिस्ट्रेट ने गौर किया तो पाया कि सामने खड़े शख्स का फोटो से मिला नहीं हो पा रहा है मजिस्ट्रेट से पूछताछ की तो पेश हुए शख्स ने कबूल किया किया  की चालान के समय वह गाड़ी नहीं चला रहा था उस वक्त गाड़ी चला रहा शख्स कोर्ट के बाहर खड़ा हुआ है जिसे  बुलाया गया और दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया गया पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट बलवीर सिंह की कोर्ट में ट्रैफिक नियम तोड़ने का चालान पेश हुआ चालान मनीष कुमार के नाम से था इसीलिए ड्राइवर ने चालान के समय खुद गाड़ी चलाने को साबित करने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस पेश किया और ओरिजिनल चालान की कॉपी के साथ आरोपी कोर्ट में पेश हुआ लेकिन ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने आरोपी की फोटो भी कोर्ट में जमा कर रखी थी जिसकी उसे जानकारी नहीं थी कोर्ट में ट्रैफिक मजिस्ट्रेट मैं महसूस किया कि आरोपी की शक्ल ट्रैफिक द्वारा भेजी फोटो से मैच नहीं कर रही है उसकी शक्ल की मिलान की तो उसकी फोटो से उसकी शक्ल मेल नहीं खा रही थी मजिस्ट्रेट ने सवाल-जवाब करने पर मनीष ने कबूल किया कि गाड़ी नहीं चला रहा था गाड़ी चला रहे यूपी के मैनपुरी निवासी अजीत के पास नहीं था इसलिए उसने मनीष का नाम लिखा  दिया वह अदालत के बाहर खड़ा है है जिसे भीतर बुला लिया जाए बाहर खड़े मजिस्ट्रेट ने नायाब  को कोर्ट के साथ बाहर भेजकर असली आरोपी को अंदर बुला लिया जिस पर प्रदीप ने स्वीकार किया कि चालान के समय वह गाड़ी चला रहा था लेकिन उसके पास लाइसेंस नहीं था इसलिए लाइसेंस धारी मनीष का नाम लिखवा दिया था अदालत ने दोनों को चालान करने वाले अधिकारी और कोर्ट को गुमराह करने के लिए तत्काल पुलिस कस्टडी में दे दिया बाजार थाने के एसएचओ को दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए पुलिस ने मजिस्ट्रेट के निर्देश पर आई आईपीसी की धारा 419 चीटिंग और 120 भी अपराधिक षड्यंत्र रचने का मामला दर्ज कर आरोपी मनीष और प्रदीप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया